Karnataka News : उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने विभिन्न कक्षाओं के लिए बोर्ड परीक्षाएं कराकर छात्रों को प्रताड़ित करने के लिए सोमवार को कर्नाटक सरकार (Karnataka government) को फटकार लगाई और उसे अगले आदेश तक 8वीं, 9वीं और 10वीं कक्षाओं की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम घोषित करने से रोक दिया।
न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने निर्देश दिया कि अगर किसी भी जिले में परीक्षा नहीं कराई गई है तो इसे न कराया जाए। पीठ ने कर्नाटक सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत से कहा कि आप छात्रों को प्रताड़ित क्यों कर रहे हैं? आप सरकार हैं। आपको इस तरह का बर्ताव नहीं करना चाहिए। इसे अहम का मुद्दा मत बनाओ। अगर आपको छात्रों की भलाई की वाकई चिंता है तो कृपया अच्छे विद्यालय खोलिए। उनका गला मत घोटो।
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24 अन्य जिलों में परीक्षाएं कराई गईं : उच्चतम न्यायालय को बताया गया कि 24 अन्य जिलों में परीक्षाएं कराई गईं। उसने राज्य सरकार से चार सप्ताह में परीक्षा की वास्तविक जानकारी देते हुए एक हलफनामा दाखिल करने को कहा है। उच्चतम न्यायालय, कर्नाटक उच्च न्यायालय के 22 मार्च के फैसले के खिलाफ अनएडेड रिकॉग्नाइज्ड स्कूल्स द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रहा है।
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उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने एकल पीठ के 6 मार्च के आदेश को पलटते हुए राज्य सरकार को अकादमिक वर्ष 2023-24 के लिए विभिन्न कक्षाओं के वास्ते बोर्ड परीक्षाएं कराने की अनुमति दी थी। उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने कर्नाटक राज्य परीक्षा और मूल्यांकन बोर्ड (केएसईएबी) के जरिए विभिन्न कक्षाओं के लिए बोर्ड परीक्षाएं कराने के राज्य सरकार के अक्टूबर 2023 के निर्णय को रद्द कर दिया था।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta