नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामला में जांच की प्रगति को लेकर नाराजगी जताई और कहा कि यह हमारी अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की निगरानी में कराने का सुझाव दिया तथा उत्तर प्रदेश सरकार से शुक्रवार तक अपना रुख स्पष्ट करने को कहा।
शीर्ष अदालत ने कहा कि मामले में दो FIR से एक विशेष आरोपी को बचाने की कोशिश हो रही है। एक मामले के सबूत दूसरे मामले में इस्तेमाल होंगे।
अदालत ने कहा है कि हमने 10 दिन का समय दिया था। इसके बाद भी स्टेटस रिपोर्ट में कुछ भी नही हैं। सिवाय इतना कहने के कि गवाहों से पूछताछ की गई है।
कोर्ट ने कहा कि हिंसा के मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन सिर्फ आशीष मिश्रा का ही फोन जब्त किया गया है। इस पर यूपी सरकार के वकील हरीश साल्वे ने कहा कि अन्य आरोपियों ने बताया कि वह फोन नहीं रखते हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि आपने स्टेटस रिपोर्ट में यह कहां लिखा है?