नई दिल्ली। Uniform Civil Code : समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड से जुड़ी सभी याचिकाओं पर आज उच्चतम न्यायालय सुनवाई करेगा। समान नागरिक संहिता के अनुसार, देश में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होगा, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन-जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक ही कानून लागू होगा।
खबरों के अनुसार, समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड की मांग वाली याचिकाओं पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई सुनेगा, इसके साथ ही कोर्ट बच्चा गोद लेने, वसीयत के नियम जैसे प्रावधान भी सभी धर्मों के लिए एक जैसे बनाने की मांग भी सुनेगा।
समान नागरिक संहिता के अनुसार, देश में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होगा, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। इन याचिकाओं पर जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने कहा, यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसला नीतिगत है। कोर्ट इस पर विचार न करे। सरकार लॉ कमीशन को मामला सौंपेगी।
इस वक़्त देश में धर्म और परंपरा के नाम पर अलग नियमों को मानने की छूट है, लेकिन समान नागरिक संहिता लागू होने पर किसी समुदाय विशेष के लिए अलग से नियम नहीं होंगे। समान नागरिक संहिता की मांग करने वाली कई याचिकाएं दिल्ली हाईकोर्ट में लंबित हैं।
प्यू रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में मुस्लिमों की भारत में आबादी 21.30 करोड़ थी, जो 2030 तक 23.63 करोड़ हो जाएगी यानी इन 8 सालों के दौरान मुस्लिमों की जनसंख्या दर करीब 10 फीसदी रहेगी। वहीं देश की आबादी इस समय बढ़कर 150 करोड़ तक होने का अनुमान है।
Edited By : Chetan Gour