नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने उपहार सिनेमा अग्निकांड मामले में जाने माने कारोबारी गोपाल अंसल को गुरुवार को एक वर्ष की कैद की सजा सुनाई। इस कांड में 59 लोगों की जानें गई थीं।
न्यायमूर्ति रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यी पीठ ने यह आदेश दिया। न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ और न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल इस पीठ के सदस्य हैं। शीर्ष न्यायालय ने उपहार कांड पीड़ित संघ (एवीयूटी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो की समीक्षा याचिका को आंशिक रूप से मंजूरी देते हुए कहा कि गोपाल अंसल के भाई सुशील अंसल पहले से ही जेल की सजा काट रहे हैं। गोपाल अंसल भी इस मामले में चार महीने की कैद काट चुके हैं।
न्यायालय का आदेश आने के बाद इस अग्निकांड में अपने दो बच्चों को खो चुकी याचिकाकर्ता नीलम कृष्णमूर्ति ने फैसले पर असंतोष जताते हुए कहा कि यह बेहद निराशाजनक है, मैंने न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर सबसे बड़ी गलती की। मेरा न्यायपालिका से भरोसा उठ गया है। हमारी कोशिशें व्यर्थ गईं। अमीरों और ताकतवर लोगों को कुछ विशेष शक्तियां मिली हुई हैं।
उल्लेखनीय है कि 13 जून, 1997 में उपहार सिनेमा में आग लगने के बाद मची भगदड़ में 59 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 103 लोग जख्मी हो गए। जिस समय यह हादसा हुआ उस समय सिनेमाघर में 3 से 6 बजे का शो चल रहा था। यहां फिल्म बॉर्डर दिखाई जा रही थी। इस मामले में सिनेमाघर के मालिक सुशील और गोपाल बंसल समेत 16 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इसके साथ ही वर्ष 2015 में अदालत ने 30-30 करोड़ रुपए का जुर्माना भरने पर अंसल बंधुओं को बरी करने का फैसला सुनाया था।