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सुप्रीम कोर्ट का सेना से सवाल, बलात्कार के आरोपों पर चुप क्यों थे?

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नई दिल्ली , बुधवार, 19 अप्रैल 2017 (08:31 IST)
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने यह सवाल करते हुए सेना की खिंचाई की कि उसने मणिपुर में अपने कर्मियों के खिलाफ बलात्कार और हत्या के आरोपों पर चुप्पी क्यों साधे रखी। न्यायालय ने उनके खिलाफ ये मामले आगे नहीं बढ़ाने के लिए राज्य सरकार से भी सवाल किया।
 
न्यायालय ने मणिपुर सरकार से यह समझाने के लिए भी कहा कि उसकी यह लाचारी थी या एक मौन सहमति कि सैन्यकर्मियों के खिलाफ बलात्कार और हत्या के गंभीर आरोप होने के बावजूद वह उनके खिलाफ आगे नहीं बढ़ेगी।
 
न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति यू यू ललित की एक पीठ ने सेना और असम राइफल्स के लिए पेश होने वाले अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से पूछा, 'हो सकता है कि आपके यहां दो कथित बलात्कारी हों। आप चुप क्यों रहे?' इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा, 'ये केवल आरोप हैं। सवाल है कि सैन्यकर्मियों ने क्या बलात्कार किया।'
 
न्यायालय ने रोहतगी से यह सवाल तब किया जब उसे बताया गया कि दो सैन्यकर्मियों के खिलाफ आरोप थे कि उन्होंने 2003 में 15 वर्षीय एक लड़की से बलात्कार किया था जिसके बाद उसने आत्महत्या कर ली।
 
पीठ को यह भी बताया गया कि बलात्कार के आरोपों पर एक जांच की गई जिसके बाद पीठ ने कहा कि हम यह जानना चाहेंगे कि आपने किस तरह की जांच की है। हम जांच रिपोर्ट देखना चाहेंगे। अटॉर्नी जनरल ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने इन मामलों की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया था लेकिन उसे ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं था।
 
न्यायालय एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें मणिपुर में 2000 से 2012 के बीच सुरक्षा बलों और पुलिस द्वारा कथित तौर पर की गई 1528 न्यायेतर हत्याओं की जांच एवं मुआवजे की मांग की गई है। (भाषा)

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