- मानहानि मामले में राहुल गांधी की याचिका खारिज
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राहुल गांधी की 2 साल की सजा बरकरार
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फैसले के खिलाफ अब हाईकोर्ट जा सकते हैं राहुल
Rahul Gandhi defamation case : मोदी सरनेम मामले में सूरत कोर्ट ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की सजा पर रोक की अर्जी खारिज कर दी। अगर अदालत दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के फैसले पर रोक लगा देती तो राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता बहाल हो सकती थी।
सेशंस कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज ने एक लाइन के अपने फैसले में कहा कि याचिका खारिज। इस मामले में राहुल को 2 साल की सजा सुनाई गई है। इस फैसले की वजह से ही उन्हें अपनी संसद की सदस्यता से भी हाथ धोना पड़ा था। राहुल शुक्रवार को इस फैसले के खिलाफ अहमदाबाद हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर. पी. मोगेरा की अदालत ने पिछले गुरुवार को राहुल गांधी के आवेदन पर फैसला 20 अप्रैल तक सुरक्षित रख लिया था। राहुल को आपराधिक मानहानि के इस मामले में दो साल के कारावास की सजा सुनाये जाने के एक निचली अदालत के फैसले के खिलाफ राहुल की अपील लंबित रहने के बीच फैसला सुरक्षित रखा गया था।
राहुल गांधी 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल के वायनाड से सांसद बने थे। गत 23 मार्च को सूरत की एक अदालत ने भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी जिसके एक दिन बाद उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया।
राहुल ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ तीन अप्रैल को सत्र अदालत का रुख किया। उनके वकीलों ने दो आवेदन भी दाखिल किये जिनमें एक सजा पर रोक के लिए और दूसरा अपील के निस्तारण तक दोषी ठहराये जाने पर स्थगन के लिए था।
अदालत ने राहुल को जमानत देते हुए शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी और राज्य सरकार को नोटिस जारी किये थे। उसने पिछले बृहस्पतिवार को दोनों पक्षों को सुना और फैसला 20 अप्रैल तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।