नई दिल्ली। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को कहा कि बिहार में जदयू-राजद-कांग्रेस का महागठबंधन बिखराव की ओर बढ़ चला है, साथ ही उन्होंने सवाल किया कि अगर यह अटूट है तब इन दलों के नेताओं को हर दिन इसकी मजबूती को लेकर बयान क्यों देने पड़ते हैं?
सुशील मोदी ने बातचीत में कहा कि दरअसल महागठबंधन कई मुद्दों पर न केवल बंटा हुआ है बल्कि अब बिखराव की ओर भी बढ़ चला है। जो हालात पैदा हुए हैं वैसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए अपना कार्यकाल पूरा करना संभव नहीं लग रहा है।
उन्होंने सवाल किया कि अगर महागठबंधन वाकई अटूट है तो उसकी मजबूती पर लोगों को रोज-रोज बयान क्यों देने पड़ते हैं? एक तरफ ये लोग एकजुटता के दावे करते हैं तो दूसरी तरफ एक घटक दूसरे से पूछता है कि 2 सांसदों वाली पार्टी के नेता प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी कैसे हो सकते हैं?
भाजपा नेता ने कहा कि बिहार में जदयू-राजद और कांग्रेस का तथाकथित महागठबंधन बिखराव की ओर अग्रसर है। कुछ ही दिन पहले वैशाली के राधोपुर में आयोजित सरकारी कार्यक्रम से न केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तस्वीर गायब थी बल्कि चारों तरफ राजद के झंडे लहरा रहे थे।
राजद के अलावा सरकार में शामिल सहयोगी दल जदयू और कांग्रेस के किसी मंत्री और विधायक तक को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था। इसी प्रकार मुख्यमंत्री के यात्रा कार्यक्रम में भी कहीं उपमुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए।
उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश के चुनाव परिणाम आने के बाद लालूप्रसाद के इशारे पर राजद के वरिष्ठ नेता और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह ने सपा-कांग्रेस गठबंधन की हार के लिए नीतीश कुमार को जिम्मेवार ठहराया।
नोटबंदी के मुद्दे पर भी महागठबंधन के दल आपस में बंटे रहे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां नोटबंदी का समर्थन कर रहे थे वहीं कांग्रेस और राजद विरोध में धरना और प्रदर्शन के कार्यक्रम आयोजित कर रहे थे। (भाषा)