नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि भारत के खिलाफ संचालित सीमापार आतंकवाद को अब एक बड़े क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौती के तौर पर स्वीकार कर लिया गया है तथा उससे मुकाबला के लिए भारत और अमेरिका के बीच सहयोग बढ़ रहा है।
सुषमा ने एक विचार मंच पर अपने संबोधन में इस बात को रेखांकित किया कि सम्पर्क परियोजनाओं के निर्माण के दौरान संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान किया जाना चाहिए। माना जा रहा है कि सुषमा का इशारा चीन की महत्वाकांक्षी एक क्षेत्र और रोड पहल की ओर था।
उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर बोलते हुए कहा कि भारत-प्रशांत क्षेत्र में उभरती स्थिति आज के समय में दुनिया के समक्ष उत्पन्न मुख्य चुनौतियों में से एक है।
उन्होंने परोक्ष रूप से दक्षिण चीन सागर की ओर इशारा किया जहां चीन अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है और कहा कि भारत और अमेरिका अंतरराष्ट्रीय नियम आधारित व्यवस्था बरकरार रखने के लिए साथ खड़े हैं जिससे सभी देश लाभान्वित हुए हैं।
पाकिस्तान से भारत के बिगड़ते संबंधों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की ‘पड़ोस पहले’ नीति से एक देश को छोड़कर सभी देशों के साथ परिणाम आए हैं।
आतंकवाद की चुनौती पर सुषमा ने कहा कि भारत और अमेरिका इससे मुकाबले को उच्च प्राथमिकता देते हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों देश इस बुराई के सीधे पीड़ित रहे हैं। भारत में हम कई वर्षों से सीमापार आतंकवाद का सामना कर रहे हैं। इसे अब एक बड़े क्षेत्रीय और एक वैश्विक चुनौती के तौर पर स्वीकार कर लिया गया है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ गत महीने हुई बातचीत का उल्लेख करते हुए कहा कि दोनों नेताओं द्वारा संयुक्त रूप से स्पष्ट किया गया कि आतंकवाद को काबू करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक संकल्प के साथ आगे बढ़ने की जरूरत है। (भाषा)