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भाषा का कौमार्य भंग हो चुका-सुषमा स्वराज

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नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि जिस तरह की भ्रष्ट भाषा का उपयोग हो रहा है, उससे तो यही लगता है कि भाषा का कौमार्य भंग हो चुका है।
राजधानी के जवाहर भवन में हिन्दी के वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों के साथ सुषमा ने साढ़े तीन घंटे लंबी बैठक की। विदेश मंत्री ने संचार माध्यमों में हिन्दी को बढ़ावा देने के लिए ज़बर्दस्त पहल की है। हिन्दी को लेकर उनकी गंभीरता इस बात से भी जाहिर होती है कि वे इस कार्यक्रम में वे करीब पांच घंटे मौजूद रहीं। 
 
बैठक के दौरान जब वरिष्ठ पत्रकार विजय कांति ने कहा कि बाहर से शब्द आते हैं तो हम ऐसे घबराते हैं जैसे कौमार्य भंग हो गया या शील भंग हो गया हो। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्वराज ने कहा कि जिस तरह की भाषा का उपयोग हो रहा है उस हिसाब से तो शील भंग हो चुका है। 
 
उन्होंने कहा कि हमने ये तो माना कि हम बीमार हैं। कम से कम दसवीं तक तो अनिवार्य रूप से हिन्दी पढ़ाई जानी चाहिए। हिन्दी की बड़ी समाचार एजेंसी आज की सबसे बड़ी जरूरत है। 
 
श्रीमती स्वराज ने कहा कि गत वर्ष भोपाल में आयोजित सम्मेलन में संचार माध्यमों में हिन्दी के प्रयोग को लेकर कुछ अनुशंसाएं की गई थीं। यह अनुशंसाएं सिर्फ कागजों तक सिमटकर न रह जाएं, इसीलिए इस बैठक का आयोजन किया गया है। विदेश मंत्री ने कहा कि विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन विदेश मंत्रालय द्वारा किया गया था, लेकिन भाषा से जुड़े कुछ मुद्दे ऐसे हैं जो दूसरे मंत्रालयों से जुड़े हैं। अत: इस संबंध में उन मंत्रालयों से भी बातचीत की जा रही है।   
 
संचार माध्यमों में हिन्दी : संचार माध्यमों में भाषा के प्रयोग को लेकर माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय ने आठ अखबारों का अध्ययन कर 15 हजार 737 अंग्रेजी के शब्द निकाले जिनका समाचार पत्रों में उपयोग किया जा रहा है। प्राथमिक तौर पर 500 शब्दों को छह अलग अलग सूचियों में बांटा गया।
 
पहली सूची में वे शब्द थे, जो हिन्दी में अंगीकार हो चुके हैं या फिर उनका हिन्दी में कोई बेहतर विकल्प नहीं है। पांचवें नंबर की सूची में वे शब्द थे जो हिन्दी में भी उपलब्ध हैं फिर भी उनका अंग्रेजी में उपयोग हो रहा है। विश्वविद्यालय का यही अध्ययन आज की बैठक का आधार भी बना। यह जानकारी पॉवर पाइंट प्रस्तुति के माध्यम से बिन्दुवार बताई गई।  इस बैठक में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति बीके कुठियाला ने प्रस्तुति दी। इस अवसर पर वेबदुनिया के संपादक जयदीप कर्णिक ने वेबदुनिया द्वारा विश्व हिन्दी सम्मेलन के कवरेज से जुड़ी विस्तृत जानकारी सुषमा स्वराज को सौंपी।  

बैठक में शशि शेखर (हिन्दुस्तान), पुण्य प्रसून वाजपेयी (आज तक), सुमित अवस्थी (आईबीएन 7), जयदीप कर्णिक (वेबदुनिया), ‍गिरीश उपाध्याय (सुबह-सबेरे), आलोक मेहता (आउटलुक) अजीत अंजुम (इंडिया टीवी), राहुल देव, आनंद पांडे (नईदुनिया) जवाहर लाल क़ौल, विजय कश्यप (पंजाब केसरी), नलिनी सिंह, उमेश उपाध्याय, राजेश बादल (राज्यसभा टीवी), सीमा गुप्ता (लोकसभा टीवी), केजी. सुरेश (आयआयएमसी), सूर्यप्रकाश (प्रसार भारती), अभिलाष खांडेकर (दैनिक भास्कर), अंशुमान (इंडिया टुडे), राजेन्द्र शर्मा (स्वदेश) तथा अन्य वरिष्ठ संपादक उपस्थित थे।

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