अहमदाबाद। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने नौकरी के लिए अपने परिवार को मनाने की कोशिश कर रही महिलाओं को कूटनीतिक सलाह दी कि वे अपने परिजन को ठीक वैसे ही लगातार समझाएं-बुझाएं जैसे डोकलाम गतिरोध के वक्त भारत ने चीन के साथ किया।
गुजरात में सत्ताधारी भाजपा की ओर से आयोजित ‘महिला टाउन हॉल’ कार्यक्रम के दौरान सुषमा से सवाल किया गया था कि यदि परिवार नौकरी की इजाजत नहीं दे तो ऐसी स्थिति में क्या करना चाहिए?
विदेश मंत्री ने कहा कि परिवार के सदस्यों को समझाना चाहिए कि एक कामकाजी महिला परिवार को कैसे लाभ पहुंचाती है।
उन्होंने कहा, 'यदि वे (परिवार के सदस्य) फिर भी नहीं समझते हैं तो उन्हें वैसे ही समझाना-बुझाना चाहिए जैसे भारत ने डोकलाम के मुद्दे पर चीन को समझाया।' गौरतलब है कि डोकलाम गतिरोध आखिरकार दोस्ताना तरीके से सुलझा लिया गया।
सुषमा ने कहा, 'महिलाओं के मुद्दों को व्यापक तौर पर तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है - सुरक्षा से जुड़े मुद्दे, आजादी से जुड़े मुद्दे और सशक्तिकरण का मुद्दा। उन्होंने कहा कि बच्ची की सुरक्षा से जुड़ा सबसे पहला मुद्दा होता है कि क्या समाज उसे पैदा होने देगा। मैं नहीं समझती कि इस देश में, जहां हम महिलाओं को देवी के तौर पर पूजते हैं, जहां दो ‘नवरात्रियां’ मनाई जाती हैं, लोग (अब भी) गर्भ में बच्ची को मार डालते हैं।'
उन्होंने कहा कि देश में कई कानून हैं, लेकिन प्रधानमंत्री का मानना है कि एक सामाजिक अभियान शुरू करने की जरूरत है, क्योंकि इस बुराई से लड़ने के लिए सिर्फ कानून काफी नहीं है। हमने देश में बड़े पैमाने पर ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना शुरू की है।
सुषमा ने कहा कि केंद्र एवं राज्यों में सरकारों ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने महिलाओं की वित्तीय आजादी सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। जैसे मुद्रा योजना के तहत उन्हें कर्ज दिए हैं।
विदेश मंत्री के तौर पर अपने काम को लेकर उन्होंने कहा कि वह संतुष्ट हैं, क्योंकि वह विभिन्न देशों में फंसे 88,302 भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने में कामयाब रही हैं।
जब एक महिला ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के इस बयान के बारे में पूछा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में महिलाओं की भागीदारी नहीं है, तो सुषमा ने कहा कि इस टिप्पणी पर जवाब देने की जरूरत नहीं है।
राहुल ने कहा था, 'आरएसएस में कितनी महिलाएं हैं, आपने (आरएसएस की) शाखाओं में कभी किसी महिला को निक्कर पहने देखा है?' सुषमा ने राहुल के बयान को अभद्र करार दिया। (भाषा)