देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दौरे को लेकर सहमी उत्तराखंड सरकार के मुख्यमंत्री 2 सहयोगी मंत्रियों के साथ पुरोहितों को मनाने केदार पहुंचे। केदारनाथ में प्रवेश करते ही मुख्यमंत्री को तीर्थ पुरोहितों के गुस्से का शिकार होना पड़ा। तीर्थ पुरोहितों ने 'मुख्यमंत्री गो बैक और देवस्थानम बोर्ड भंग करो के नारे लगाने शुरू कर दिए।
मुख्यमंत्री के साथ गए दो मंत्रियों ने किसी तरह तीर्थ पुरोहितों को शांत किया और मुख्यमंत्री के साथ बंद कमरे में बातचीत के लिए बुलाया। तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री से कहा कि उन्होंने जो वादा किया था कि 30 अक्टूबर तक देवस्थानम एक्ट लेकर कोई समाधान निकल आएगा इसमें देरी क्यों हुई? इसके अलावा पुरोहितों ने मुख्यमंत्री के सामने यह भी कहा कि चारधाम महापंचायतों की ओर से जो 8 नाम उच्च स्तरीय समिति के लिए भेजे गए, उसमें बद्रीनाथ धाम से 3 नाम हटाकर नए नाम क्यों जोड़ दिए गए।
इस मामले को चुपचाप सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों ने उन्हें भरोसा दिलाया कि इस मामले को लेकर सरकार शीघ्र आगे बढ़ेगी। जल्द समाधान निकला जाएगा। मुख्यमंत्री के साथ गए दोनों मंत्रियों ने भी मसले का हल 30 नवंबर तक निकालने का भरोसा दिया।
मुख्यमंत्री के साथ केदार दौरे में गए शासकीय प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने देहरादून लौटने के बाद कहा कि सरकार 30 नवंबर तक देवस्थानम बोर्ड पर फैसला ले लेगी। मुख्यमंत्री ने खुद केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों के साथ बातचीत की है।
प्रदेश में 29 और 30 नवंबर को गैरसैंण में विधानसभा सत्र होने जा रहा है ऐसे में कैबिनेट में फैसला लेकर विधानसभा सत्र में सरकार देवस्थानम बोर्ड को लेकर कोई बड़ा फैसला ले सकती है। पंडा पुरोहितों से बंद कमरे में बातचीत के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सकारात्मक, धनात्मक और विकासात्मक दृष्टिकोण से चारधाम, पंडा, पुरोहित और पुजारी समाज के सम्मान तथा धार्मिक आस्था की गरिमा के सम्मान के लिए तत्पर हैं।
मुख्यमंत्री ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बाबा केदार के प्रति विशेष आस्था और श्रद्धा है। उनका उतराखंड को दुनिया की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक राजधानी के तौर पर विकसित करने का विजन है। पूरी दुनिया के लोग यहां आध्यात्मिक शांति के लिए आएंगे। आधुनिक इतिहास में पहली बार इतने बड़े पैमाने पर केदारनाथ धाम का पुनर्निर्माण किया जा रहा है।
पहले चरण के काम हो चुके हैं। दूसरे चरण के काम शुरू हो रहे हैं। आदिगुरु शंकराचार्यजी की समाधि का लोकार्पण करने के साथ ही उनकी प्रतिमा का भी अनावरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री केदारनाथ धाम पहुंचकर बाबा केदारनाथजी के दर्शन किए। मुख्यमंत्री ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया।
5 नवंबर को प्रधानमंत्री के केदारनाथ आगमन के लिए की जा रही तैयारियों का भी जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने तीर्थ पुरोहितों और पंडा समाज के प्रतिनिधियों से वार्ता को सौहार्दपूर्ण बातचीत बताया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जनभावनाओं का सम्मान करने वाली सरकार है। मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्री डॉ. हरकसिंह रावत, सुबोध उनियाल भी थे।