सपा-बसपा गठबंधन के बाद मची सियासी हलचल में उस समय और तेजी आ गई जब रविवार को देर रात बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने बसपा प्रमुख मायावती से उनके आवास पर मुलाकात की। दो घंटे की मुलाकात के बाद दोनों ने एक-दूसरे के काम की प्रशंसा की। सियासी गलियारों में अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या सपा-बसपा को आरजेडी का साथ मिलेगा।
मुलाकात के बाद मायावती ने कहा कि लालू यादव के खिलाफ द्वेष भावना से कार्रवाई की गई। देश से सांप्रदायिक ताकतों को खत्म करने के लिए धर्मनिरपेक्ष दलों को एक होना होगा। उन्होंने कहा कि लालू यादव के परिवार का मनोबल बढ़ाने की जरूरत है। साथ ही बिहार में गठबंधन के सवाल पर कहा कि इसके बारे में आगे सोचा जाएगा।
राजद नेता तेजस्वी ने बसपा प्रमुख को आदर्श बताते हुए कहा कि सपा-बसपा के गठबंधन से देश को नई राह मिलेगी। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश को बाबा साहब के संविधान की बजाय नागपुरिया संविधान से चलाना चाहती है।
गठबंधन पर खुशी जताते हुए तेजस्वी ने कहा कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव ने जिस महागठबंधन की कल्पना की थी, वह उप्र में अब साकार हो गया है। गठबंधन के जरिए भाजपा के सफाए की नींव रखी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि बिहार और उप्र में एक भी सीट भाजपा नहीं जीत सकेगी। यूपी व बिहार के बिना दिल्ली में भाजपा को सरकार बनाना संभव नहीं होगा।