जोशीमठ। उत्तराखंड के हिमालयी शहर जोशीमठ के सिंगधर वार्ड में शुक्रवार की शाम को एक मंदिर ढह गया, जिसने एक बड़ी आपदा के डर के साए में रह रहे लोगों को और अधिक चिंतित कर दिया। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। इस बीच, केन्द्र सरकार ने जोशीमठ को लेकर कमेटी बनाई है। यह कमेटी जमीन धंसने के कारणों का अध्ययन करेगी।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, जब यह घटना हुई, तो उस वक्त मंदिर के भीतर कोई नहीं था, क्योंकि करीब 15 दिन पहले इसमें बड़ी दरार आने की घटना के बाद इसे खाली कर दिया गया था। आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं और करीब 50 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है ।
आपदा प्रबंधन के निदेशक पंकज चौहान ने बताया कि उन लोगों के अलावा 60 अन्य परिवारों को दूसरे स्थान पर भेजा गया है। उन्होंने बताया कि ये लोग विष्णु प्रयाग जल विद्युत परियोजना के कर्मचारियों के लिए बने कॉलोनी में रहते थे।
उल्लेखनीय है कि मारवाड़ी इलाका सबसे अधिक प्रभावित है, जहां तीन दिन पहले एक जलभृत (Aquifer) फूटा था। क्षेत्र के कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जबकि जलभृत से पानी का बहाव लगातार जारी है।
चारधाम ऑल वेदर रोड (हेलंग-मारवाड़ी बाईपास) और एनटीपीसी की पनबिजली परियोजना जैसी बड़ी परियोजनाओं से संबंधित सभी निर्माण गतिविधियों को स्थानीय लोगों की मांग पर अगले आदेश तक रोक दिया गया है।
स्थानीय नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती ने बताया कि औली रोपवे सेवा को भी इसके नीचे एक बड़ी दरार आने के बाद बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि एक साल से भी अधिक समय से जमीन धंस रही है, लेकिन पिछले एक पखवाड़े में यह समस्या और भी गंभीर हो गई है।
इस बीच, पुनर्वास की मांग को लेकर लोगों ने शुक्रवार को जोशीमठ के तहसील कार्यालय पर धरना दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में कहा कि विशेषज्ञों का एक दल समस्या के सभी पहलुओं का अध्ययन करने के लिये जोशीमठ में मौजूद है और शहर को बचाने के लिये सब कुछ किया जाएगा।
केन्द्र ने गठित की समिति : जमीन धंसाव मामले में केन्द्र सरकार के जल शक्ति मंत्रालय ने एक समिति का गठन किया है। यह समिति इस मसले पर बारीकी से अध्ययन करने के बाद 3 दिन के भीतर केंद्र को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। समिति जोशीमठ के क्षेत्र में भू-धंसाव की घटना और उसके प्रभाव को लेकर अध्ययन करेगी।
600 परिवारों को तत्काल निकालने के आदेश : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ शहर के दरार और जोखिम भरे घरों में रह रहे करीब 600 परिवारों को शुक्रवार को तत्काल वहां से निकालने का आदेश दिया। सीएम ने कहा- लोगों की जान बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है। हम जोशीमठ की स्थिति से निपटने के लिए छोटी और लंबी अवधि की योजनाओं पर भी काम कर रहे हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)