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टेरीजा-मोदी की मुलाकात के बाद माल्या के प्रत्यर्पण की उम्मीद

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, सोमवार, 7 नवंबर 2016 (22:25 IST)
नई दिल्ली। भारत व ब्रिटेन ने आज सहमति जताई कि अपराधियों व भगौड़ों को कानून से भागने की अनुमति नहीं दी जाएगी और वे प्रत्यर्पण से जुड़े बाकी आग्रहों को निपटाएंगे। इससे उद्योगपति विजय माल्या के ब्रिटेन से जल्द प्रत्यर्पण की उम्मीद बंधी है ताकि उनके खिलाफ यहां मनी लांड्रिंग मामले में जांच की जा सके।
सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे के बीच यहां बैठक में प्रत्यर्पण से जुड़ा मुद्दा उठा और दोनों देशों के सम्बद्ध अधिकारियों से जल्द से जल्द बैठक करने को कहा गया। सूत्रों ने कहा कि इन वार्ताओं के बीच भारत को ब्रिटेन से माल्या के जल्द प्रत्यर्पण की उम्मीद बंधी है। सूत्रों ने कहा कि मोदी व टेरीजा के बीच बैठक से पहले दोनों पक्षों की बैठक में माल्या के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठा था।
 
क्या वार्ताओं में माल्या का मुद्दा उठा? यह पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (यूरोप) रणधीर जायसवाल ने भारत ब्रिटेन संयुक्त बयान का हवाला दिया, जिसके अनुसार दोनों नेताओं ने साझा विधि मदद संधि के तहत सहयोग की प्रतिबद्धा जताई।
 
उल्लेखनीय है कि आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी भी भारतीय कानूनों से बचकर ब्रिटेन में हैं। भारत ब्रिटेन के प्रधानमंत्रियों की आज की बैठक के बाद उनके शीघ्र प्रत्यर्पण की उम्मीद भी बन सकती है। माल्या व मोदी, दोनों ने ही ब्रिटेन को अपना घर बनाया हुआ है। प्रवर्तन निदेशालय को मनी लांड्रिंग के अलग अलग मामलों में इनकी तलाश है।
 
बयान के अनुसार, ‘दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि भगौड़ों व अपराधिकों को कानून से बच निकलने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने प्रत्यर्पण संबंधी बाकी आवेदनों पर काम करने की प्रतिबद्धता जताई।’
 
दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि भगोड़ों और अपराधियों को कानून से बचने नहीं दिया जाएगा और लंबित प्रत्यर्पण अनुरोधों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। मोदी और मे के बीच हुयी बातचीत में प्रत्यर्पण के अनुरोधों का मुद्दा भी उठा और इस मुद्दे से संबंधित दोनों देशों के अधिकारियों को जल्दी बैठक करने का निर्देश दिया गया।
 
सूत्रों ने कहा कि बातचीत के बाद भारत को ब्रिटेन से माल्या के प्र्वतन की दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं की मुलाकात के पहले दोनों पक्षों के बीच हुयी बातचीत में भी माल्या के प्रत्यर्पण का मामला उठा था।
 
यह पूछे जाने पर कि क्या माल्या का मुद्दा बातचीत में उठा था? विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (यूरोप) रणधीर जायसवाल ने विचार विमर्श के बाद जारी किए गए भारत.ब्रिटेन संयुक्त बयान का जिक्र किया जिसमें कहा गया है कि दोनों प्रधानमंत्रियों ने परस्पर कानूनी सहायता संधि के तहत सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई।
 
आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी भी भारत में कानून से बच रहे हैं तथा आज की बातचीत के बाद भारतीय अधिकारियों को उनके प्रत्यर्पण के मामले को भी आगे बढ़ाने में मिल सकती है।
 
मिशेल एक भारतीय नागरिक हैं और सीबीआई द्वारा वांछित हैं वहीं माल्या और ललित मोदी धनशोधन से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा वांछित हैं। माल्या और ललित मोदी दोनों ब्रिटेन में रह रहे हैं।
 
बयान में कहा गया है कि दोनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि भगोड़ों और अपराधियों को कानून से बचने की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने दोनों पक्षों के लंबित प्रत्यर्पण अनुरोधों को आगे बढ़ाने पर भी जोर दिया। इस क्रम में उन्होंने प्रत्यर्पण मामलों से जुड़े दोनों पक्षों के अधिकारियों को जल्दी मिलने का निर्देश दिया ताकि दोनों देशों की कानूनी प्रक्रिया और जरूरतों की बेहतर समझ विकसित हो सके, साथ ही वे विलंब के कारणों की पहचान कर सकेंगे और लंबित अनुरोधों में तेजी लाएंगे।
 
सूत्रों ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर विचार करने, द्विपक्षीय वीजा और आव्रजन मुद्दों के साथ ही संगठित अपराधों से निपटने के लिए केंद्रीय गृह सचिव और ब्रिटेन में उनके समकक्ष के बीच रणनीतिक बातचीत अगले साल शुरू होगी। यह पहला मौका होगा जब भारत और ब्रिटेन सुरक्षा मुद्दों से निपटने के लिए इस प्रकार का तंत्र स्थापित करेंगे। (भाषा) 

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