सहारनपुर। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के देवबंद में आतंकवादियों के स्थानीय लोगों से तार जुड़े होने के मद्देनजर प्रदेश पुलिस की आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने यहां डेरा डाला है और संदिग्धों के ठिकानों पर लगातार दबिशें दी जा रही हैं।
सूत्रों के अनुसार गणतंत्र दिवस पर आतंकी संगठनों द्वारा धमकी दिए जाने की खुफिया रिपोर्ट के बाद एहतियात बरते हुए एटीएस पिछले छ: माह के दौरान देवबंद और आसपास के क्षेत्र से नौ आतंकियों को गिरफ्तार कर चुकी है। इस साल गत 2 जनवरी को देवबंद से वसीम अहमद और अहशान कुरैशी को बांग्लादेशी आतंकी युसूफ अली के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उसका पासपोर्ट बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
सहारनपुर परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक द्वारा पिछले कुछ वर्षों में सभी पासपोर्ट की जांच के आदेश पुलिस को दिए थे। जांच-पड़ताल के बाद भी फर्जी पासपोर्ट बनते रहे जबकि स्थानीय अभिसूचना इकाई एवं पुलिस ने ठीक जांच का दावा किया था। हालांकि पुलिस अधीक्षक (देहात) विद्यासागर मिश्र ने साफ किया कि यदि जांच में पुलिसकर्मियों की संदिग्धता पाई जाती है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस सूत्रों के अनुसार सहारनपुर जिले में बांग्लादेशी आतंकी संगठन अंसार-उल-बांगला और लश्करे-तईबा जैसे आतंकी संगठनों का नेटवर्क होने की संभवना से इंकार नहीं किया सकता।
इस बीच सहारनपुर परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक के एस ईमैनुएल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर आतंकी खतरे को देखते हुए सहारपुर रेंज के तीनों जिलों सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर की पुलिस को पहले ही सतर्क कर दिया है। पुलिस को वाहन चैकिंग के सघन जांच के आदेश दिए गए हैं। पुलिस ने गश्त भी बढ़ा दी है। उन्होंने बताया कि एटीएस ने देवबंद से गिरफ्तार किये गये दोनों आराेपियों की अदालत से रिमांड लेकर आगे की पूछताछ शुरू कर दी है।
देवबंद पुलिस ने पासपोर्ट बनाने वालों के यहां छापेमारी कर आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए थे। कई ऐसे मामले सामने आए थे, जिसमें फर्जी रुप से आधार कार्ड बनाने और पासपोर्ट पर अंकित पतों की तस्दीख करने वाले कई लोगों के नाम सामने आए हैं। देखना है कि पुलिस उन लोगों को गिरफ्तार कर कानूनी कार्रवाई करती है या नहीं। ऐसे कुछ लोगों को देवबंद पुलिस ने हिरासत में लिया है।
गौरतलब है कि देवबंद से दो और गाजियाबाद जिले में मुरादनगर के कुर्सी गांव से बांग्लादेशियों के फर्जी पासपोर्ट बनाने के आरोप में तीन संदिग्ध लोगों को एटीएस ने दो जनवरी को गिरफ्तार किया था। बाद में इन तीनों से एटीएस ने पूछताछ की और उसके आधार पर एक फरार आरोपी को कोलकाता से गिरफ्तार किया था। (वार्ता)