पीओके में पाकिस्तानी सेना और वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई का आतंक आम बात है, लेकिन पाकिस्तान हमेशा इस बात से इनकार करता रहा है। दरअसल पाकिस्तान ने पीओके को आतंक का अड्डा बना रखा है, इसके लिए वो आम लोगों का उपयोग करने से भी बाज नहीं आ रहा है।
हाल ही में मीडिया में आई एक रिपोर्ट ने पाकिस्तान की इस पोल को खोल कर रख दिया है।
दरअसल पाकिस्तान में लोगों को जबरन जिहाद और आतंक में शामिल करने की कोशिश रहती है। एक ऐसा ही मामला सामने आने से पाकिस्तान की यह करतूत उजागर हो गई है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाक अधिकृत कश्मीर के हजेरा कस्बे के निवासी मोहम्मद खालिद ने करीब 20 साल पहले पाकिस्तान समर्थित जिहाद में शामिल होने से मना कर दिया था। इससे गुस्साए आईएसआई ने उसका अपहरण कर लिया था। इसके बाद आज तक खालिद का कोई पता नहीं चल सका है कि वो जिंदा हैं या उसकी मौत हो गई है।
खालिद की मां रशीदा बेगम ने मीडिया को बताया कि उनके बेटे का 20 साल पहले पाकिस्तान की आईएसआई ने अपहरण कर लिया था। रशीदा ने बताया कि उसके बाद से मोहम्मद खालिद खान को किसी ने न देखा ना ही उसके बारे में कुछ सुना है। अपने बेटे की तलाश में खालिद की मां ने पाकिस्तान के कई आला नेताओं को चिठ्ठी लिखी और बेटे की खोज की गुहार लगाई। लेकिन नेताओं से भी उन्हें कोई मदद नहीं मिली।
खबरों के अनुसार आईएसआई पीओके के लोगों को आतंकी ट्रेनिंग में शामिल करने के लिए कैंपेन चलाती है। खालिद को भी पाक सेना ने ट्रेनिंग में शामिल करने के लिए कहा गया था लेकिन, उसने इससे इनकार कर दिया था। इसके बाद से ही वो गायब हो चुका है। खालिद की मां रशीदा ने हताश होकर पाकिस्तानी हाईकोर्ट में भी अपील की। आईएसआई का मामला होने के कारण पाकिस्तानी कोर्ट ने भी इसमें हस्तक्षेप नहीं किया। करीब 20 साल बाद भी रशीदा को अपने बेटे खालिद के आने का इंतजार है।