नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों को कम करने के लिए उन पर उत्पाद शुल्क में कटौती से इनकार करते हुए कहा कि पूर्व में ईंधन पर दी गई भारी सब्सिडी के एवज में किए जा रहे भुगतान से उनके हाथ बंधे हैं।
कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली सरकारों ने सरकारी तेल कंपनियों को ईंधन के कृत्रिम रूप से कम रखे गए खुदरा बिक्री मूल्य और लागत में अंतर की भरपाई के लिए बांड जारी किए थे। ये तेल बांड अब परिपक्व हो रहे हैं और इनका ब्याज के साथ भुगतान किया जा रहा है।
सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार ने इन तेल बांड के लिए पिछले पांच साल में 60,000 करोड़ रुपए से अधिक ब्याज का भुगतान किया है और अभी भी 1.30 लाख करोड़ रुपए बकाया है।
उन्होंने कहा, अगर मुझ पर तेल बांड के लिए भुगतान करने का बोझ नहीं होता तो मैं ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम करने की स्थिति में होती।(भाषा)