केंद्र सरकार 1 जुलाई, 2022 से नए श्रम कानूनों को लागू करने की योजना बना रही है।नए नियमों के तहत एक तरफ जहां ऑफिस ऑवर्स और पीएफ की रकम में बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है, वहीं इन-हैंड सैलरी कम होने की संभावना जताई जा रही है।नए कोड के तहत कर्मचारी के मूल वेतन को सकल वेतन के 50 फीसदी तक कम किया जा सकता है।
खबरों के अनुसार, यदि नए श्रम नियमों को मंजूरी दी जाती है तो नियोक्ता के लिए व्यवसाय कार्यालय के काम के घंटों में बदलाव करना आसान होगा। नियोक्ताओं को कार्यालय के काम के घंटे को 8 से बढ़ाकर 12 घंटे करने का विकल्प है।
हालांकि उन्हें तीन साप्ताहिक अवकाश दिवस प्रदान करके अपने कर्मचारियों को मुआवजा देना होगा। प्रशासन का मानना है कि नए श्रम नियम देश में निवेश और रोजगार की संभावनाओं को बढ़ावा देंगे।
टेक-होम वेतन घटक और भविष्य निधि में नियोक्ता का योगदान दोनों ही महत्वपूर्ण रूप से बदल जाएगा। नए कोड के तहत कर्मचारी के मूल वेतन को सकल वेतन के 50 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।
यह कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के पीएफ योगदान को बढ़ाएगा।इससे सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली राशि के साथ ही ग्रेच्युटी में भी इजाफा होगा।