देहरादून। सीडीएस बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर हादसे में निधन की खबर के बाद पूरे उत्तराखंड में शोक की लहर है।बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका समेत 14 लोगों की मौत की खबर से सब सन्न रह गए।उत्तराखंड में रह रहे उनके परिजन पूरे दिन उनका हालचाल जानने को बेहद चिंतित दिखे।
देहरादून आईएमए से निकलकर बिपिन रावत ने सेना का सर्वोच्च पद पाया। थल सेनाध्यक्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद वे देश के पहले सीडीएस बने। बिपिन रावत उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के तोक सैण गांव के मूल निवासी थे। उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत भी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल पद से रिटायर हुए थे।
उनकी शुरुआती स्कूली पढ़ाई शिमला के एडवर्ड स्कूल में हुई। साल 1978 में बिपिन रावत देहरादून में स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पास आउट होने पर 11वीं गोरखा राइफल्स की 5वीं बटालियन में कमीशन के लिए चयनित हुए।बिपिन रावत भारतीय सैन्य एकेडमी के बेस्ट कैडेट थे और उन्हें स्वॉर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था।
सीडीएस बिपिन रावत को उनके पूरे करियर में अनेकों सम्मान से नवाजा गया, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल और सेना मेडल आदि जैसे सम्मान उन्हें मिले।सीडीएस और सेना प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने से पहले बिपिन रावत ने दक्षिणी कमान के कमांडर और सह-सेनाध्यक्ष का पदभार भी संभाला था।
कांगो में यूएन के पीसकीपिंग मिशन में मल्टीनेशनल ब्रिगेड की कमान संभालने के साथ-साथ यूएन मिशन में सेक्रेटरी जनरल और फोर्स कमांडर जैसे महत्वपूर्ण पदों पर उनकी नियुक्ति हुई थी। उभरती चुनौतियों से निपटने, नॉर्थ में मिलिट्री फोर्स के पुनर्गठन, पश्चिमी फ्रंट पर लगातार जारी आतंकवाद व प्रॉक्सी वॉर और पूर्वोत्तर में जारी संघर्ष के से निपटने में उनकी विशेषज्ञता मानी जाती थी।
उरी में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने तत्कालीन जनरल बिपिन रावत के ही नेतृत्व में 29 सितंबर 2016 को पाकिस्तान में स्थित आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक की थी।म्यांमार में जून 2015 में मणिपुर में आतंकी हमले में 18 सैनिक शहीद होने के बाद 21 पैरा के कमांडो ने सीमा पार जाकर म्यांमार में आतंकी संगठन एनएससीएन के कई आतंकियों को ढेर करने का कारनामा भी उन्हीं के मार्गदर्शन में हुआ था।
खुश मिजाज और मददगार महिला थीं CDS रावत की पत्नी मधुलिका : CDSजनरल बिपिन रावत की 2 बेटियां हैं।जनरल बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत डिफेंस वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (DWWA) की अध्यक्ष होने के नाते वे सेना के जवानों की पत्नियों, बच्चों और डिपेन्डेन्ट के वेलफेयर के लिए काम करती रहीं। वे वीर नारियों (सैनिकों की विधवाओं) और विकलांग बच्चों की मदद करती थीं।
मधुलिका रावत जनरल रावत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती थीं। वे बड़ी ही खुशमिजाज महिला थीं। मधुलिका रावत सीडीएस के साथ उत्तराखंड के पारिवारिक आयोजनों में भी शामिल होती रहती थीं। इस दौरान वे पहाड़ी लिबास में देखी जाती थीं।साल 2018 में जनरल रावत अपने मूल गांव सैण आए थे तो मधुलिका भी उनके साथ थीं।
एक हफ्ते पहले ही बिपिन रावत की पत्नी भूमि पूजन के लिए सिल्वर हाइट्स वाले अपने प्लॉट में आई थीं।तब सीडीएस बिपिन रावत ने देहरादून में अपने घर के निर्माण के लिए भूमिपूजन कराया था। आज CDS बिपिन रावत के निधन के बाद उनके गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है।