नई दिल्ली। बापू यानी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रिय भजन 'रघुपति राघव राजाराम, पतित पावन सीताराम...' को स्कूलों की प्रार्थना में लागू करने की बात पर जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती बुरी तरह भड़क गई हैं। उन्होंने इसे केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा की साजिश करार दिया है। इस मुद्दे पर भाजपा और पीडीपी आमने-सामने हो गए हैं।
महबूबा ने कहा कि भारतीय संविधान ने सबको अपना मजहब मानने की आजादी देता है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि धार्मिक विद्वानों को जेल में डालना, जामा मस्जिद को बंद करना और यहां स्कूली बच्चों को हिंदू भजन गाने के लिए निर्देशित करना यह सब कश्मीर में भारत सरकार के वास्तविक हिन्दुत्व के एजेंडे को उजागर करता है।
उन्होंने कहा कि इस 'पागल आदेश' को मानने से इंकार करना यानी पीएसए और यूएपीए को आमंत्रित करना है। यह वह कीमत है जो हम इस तथाकथित 'बदलता जम्मू-कश्मीर' के लिए चुका रहे हैं। महबूबा ने स्कूल में प्रार्थना गाते हुए शिक्षकों और छात्रों का एक वीडियो भी ट्वीट किया है।
भाजपा पाखंडी है : मुफ्ती ने कहा कि पाखंड की कोई सीमा नहीं है क्योंकि भाजपा खुद मंदिर, दरगाह या गुरुद्वारे में पगड़ी बांधने का कोई मौका नहीं छोड़ती है। वे अपने विभाजनकारी एजेंडे को लागू कर हमारे सभी धार्मिक और सूफी परंपराओं को खत्म करने तक नहीं रुकेंगे।
पीडीपी नेता ने कहा कि जम्मू कश्मीर की सांस्कृतिक और पारंपरिक रीति-रिवाजों को कुचलना, धार्मिक नेताओं को गिरफ्तार करना, सज्जादनशीन को उनके पारंपरिक कर्तव्यों का पालन करने से रोकना और अब दस्तारबंदी पर प्रतिबंध लगाना, इसके उदाहरण हैं।
राजनीतिक साजिश : वहीं भाजपा जम्मू कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविन्द्र रैना ने कहा कि महात्मा गांधी ने स्वतंत्रता संग्राम में इस भजन (रघुपति राघव राजा राम) को गुनगुनाते हुए पूरे देश को जोड़ने का काम किया था। यदि स्कूली बच्चे सुबह की प्रार्थना में इस भजन को गाते हैं तो इसमें क्या आपत्ति हो सकती है? रैना ने कहा कि जम्मू में महबूबा मुफ्ती राजनीतिक जमीन खो चुकी हैं। इसलिए जहर घोलकर राजनीतिक षड्यंत्र करने की कोशिश कर रही हैं।