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Corona के नए वैरिएंट से डरने की जरूरत नहीं, सावधानी अब भी जरूरी

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

नई दिल्ली , शनिवार, 24 मई 2025 (22:23 IST)
Corona infection cases increased in India: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में चिकित्सकों ने लोगों को जेएन.1 स्वरूप से जुड़े कोविड-19 के मामलों से नहीं घबराने की सलाह दी है और कहा कि यह स्वरूप गंभीर नहीं है तथा ज्यादातर मरीजों में हल्के लक्षण ही सामने आए हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर सावधानी बरतने की अब भी जरूरत है। दूसरी ओर, कर्नाटक में एक 84 वर्षीय की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई। देशभर में कोरोना के करीब 300 मामले सामने आ चुके हैं। 
 
दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में, हाल में कोविड-19 के सभी 23 मरीजों में केवल हल्के लक्षण दिखे हैं और वे घर पर ही पृथक वास में हैं। उनमें से 22 घर पर ही ठीक हो रहे हैं और किसी को भी अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी। ALSO READ: Coronavirus : क्‍या फिर डरा रहा कोरोना, केरल में 273 मामले आए सामने, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने की यह अपील
 
अस्पतालों ने शुरू की तैयारियां : हाल में जारी सरकारी परामर्श के बाद, शहर के कई अस्पतालों ने एहतियाती उपायों के तहत ऑक्सीजन सिलेंडर, एंटीबायोटिक्स, अन्य आवश्यक दवाइयां, बाईपैप (बाइलेवल पॉजिटिव एयरवे प्रेशर) मशीनें, टीके, वेंटिलेटर और पृथकवास वार्ड में अतिरिक्त बिस्तर की व्यवस्था कर तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि, अभी तक कोई नया मामला सामने नहीं आया है।
 
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क (आईएमए जेडीएन) के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. ध्रुव चौहान ने कहा कि लोगों को जेएन.1 स्वरूप से घबराने की जरूरत नहीं है, जो ओमिक्रॉन बीए 2.86 में हुए बदलाव से उत्पन्न हुआ है और जो भारत में प्रचलित प्रमुख कोविड-19 स्वरूप है। उन्होंने कहा कि यह कोई जानलेवा स्वरूप नहीं है। हाथ स्वच्छ रखना और अस्पताल या भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना, लोगों के बीच छींकने में स्वच्छता का पालन करना हमेशा बेहतर होता है। लक्षणों की जांच डॉक्टर से करवाना भी महत्वपूर्ण है। डॉ. चौहान ने कहा कि लोगों को यह याद रखना चाहिए कि घबराहट और अव्यवस्था बीमारी से अधिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती हैं। ALSO READ: कोरोना अपडेट: क्या फिर लगेगा लॉक डाउन, महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक अलर्ट पर अस्‍पताल
 
वैरिएंट संक्रामक, लक्षण हल्के : आंतरिक चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. निहाल सिंह ने कहा कि हमें यह समझना चाहिए कि जेएन.1 स्वरूप फैल तो रहा है, लेकिन अधिकतर मामलों में इसने गंभीर बीमारी पैदा करने के संकेत नहीं दिए हैं। सर गंगा राम अस्पताल के डॉक्टर अविरल माथुर ने कहा कि यह स्वरूप बहुत संक्रामक है, हालांकि लक्षण ज्यादातर हल्के ही रहते हैं। फिर भी, रोकथाम सबसे अहम है। हम लोगों से भीड़भाड़ वाली या बंद जगहों पर मास्क पहनने, हाथ स्वच्छ रखने और अस्वस्थ होने पर अनावश्यक यात्रा से बचने का आग्रह करते हैं। सुनिश्चित करें कि बूस्टर खुराक सहित आपने टीके की सभी खुराक ले ली है।
 
दिल्ली सरकार का परामर्श : संक्रमण के मामलों के मद्देनजर दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों को बिस्तरों, ऑक्सीजन, दवाइयों और टीकों की उपलब्धता के लिए तैयार रहने को लेकर शुक्रवार को परामर्श जारी किया। 
 
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्क : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय सतर्क है और अपनी विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से स्थिति पर लगातार नजर रख रहा है। इस बीच, आईएनएसएसीओजी के आंकड़ों के अनुसार, भारत में कोविड-19 के नए उभरते स्वरूप एनबी.1.8.1 का एक मामला और एलएफ.7 के चार मामले सामने आए हैं। आईएनएसएसीओजी के अनुसार, भारत में सबसे आम स्वरूप जेएन.1 बना हुआ है, जिसमें परीक्षण किए गए नमूनों का 53 प्रतिशत शामिल है, इसके बाद बीए.2 (26 प्रतिशत) और अन्य ओमिक्रॉन स्वरूप (20 प्रतिशत) का स्थान है। कई राज्यों के अधिकारियों ने शनिवार, 24 मई को और अधिक मामलों की सूचना दी।
 
गत 19 मई तक देश में 257 सक्रिय मामले थे। दिल्ली में 23 नए मामले दर्ज किए गए, आंध्र प्रदेश में पिछले 24 घंटों में चार मामले सामने आए, तेलंगाना में एक की पुष्टि हुई। केवल मई में ही केरल में 273 मामले सामने आए। महाराष्ट्र में, ठाणे नगर निगम (टीएमसी) ने कहा कि गंभीर मधुमेह से पीड़ित कोविड-19 से पीड़ित एक मरीज की ठाणे में अन्य बीमारियों के कारण मौत हो गई, जबकि शहर में शनिवार को संक्रमण के 8 नए मामले सामने आए। (एजेंसी/वेबदुनिया) 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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