नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या मामले का फैसला मध्यस्थता से होगा। शीर्ष अदालत ने इस मामले में मध्यस्थता के लिए 3 सदस्यों के पैनल का भी गठन किया है। आइए जानते हैं इस पैनल के सदस्यों के बारे में...
जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्ला : 3 सदस्यीय पैनल की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस इब्राहिम खलीफुल्ला करेंगे। तमिलनाडु के शिवगंगा जिले में कराईकुडी के रहने वाले न्यायमूर्ति खलीफुल्ला का जन्म 23 जुलाई 1951 को हुआ था। उन्होंने 20 अगस्त 1975 को बतौर वकील अपने कानूनी करियर की शुरुआत की। 18 सितंबर 2011 को वह जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट में जज चुने गए थे। वह सुप्रीम कोर्ट में जज भी चुने गए थे।
श्रीराम पंचू : श्रीराम पंचू मद्रास उच्च न्यायालय में वरिष्ठ वकील हैं। वह भारतीय मध्यस्थ संघ के अध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता संस्थान के बोर्ड में निदेशक हैं। पंचू ने भारत के विभिन्न हिस्सों में वाणिज्यिक, कॉर्पोरेट और अनुबंध संबंधी विवादों में मध्यस्थता की है।
श्रीश्री रविशंकर : आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर आर्ट ऑफ लिविंग फाउण्डेशन के संस्थापक हैं। रविशंकर का जन्म 13 मई 1956 को तमिलनाडु में हुआ था। इससे पहले नवंबर 2017 में भी अयोध्या मामले में मध्यस्थता की कर चुके हैं। उस समय उन्होंने सभी पक्षों से इस मामले में बात की थी। हालांकि उन्हें इस मामले में ज्यादा सफलता नहीं मिली थी। उनके अनुभव को देखते हुए ही उन्हें समिति में शामिल किया गया है।