नई दिल्ली। पृथ्वी की घूर्णन घड़ी से तालमेल स्थापित करने के लिए रविवार को 5 बजकर 29 मिनट 59 सेकंड पर भारतीय घड़ी में 1 सेकंड जोड़ा गया।
राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला (एनपीएल) में आणविक घड़ी में पिछली रात जब 23 बजकर 59 मिनट और 59 सेकंड हुआ, तब धरती के घूर्णन में कमी के साथ तालमेल कायम करने के लिए वर्ष 2017 में 1 सेकंड जोड़ने का कार्यक्रम तय किया गया।
वैसे तो 1 सेकंड जोड़ने से रोजमर्रा की जिंदगी बमुश्किल कोई असर पड़ेगा लेकिन यह उपग्रह के नौवहन, खगोल विज्ञान और संचार के क्षेत्र में काफी मायने रखता है।
एपीएल के निदेशक डीके आसवाल ने कहा कि पृथ्वी और अपनी धुरी पर उसके घूर्णन नियमित नहीं हैं, क्योंकि कभी-कभी यह भूकंप, चन्द्रमा के गुरुत्व बल समेत विभिन्न कारकों के चलते तेज तो कभी-कभी धीमे हो जाते हैं। चन्द्रमा के गुरुत्व बल से सागरों में लहरें उठती हैं।
उन्होंने कहा कि फलस्वरूप खगोलीय समय (यूटी-1) आणविक समय (यूटीसी) के समन्वय से बाहर निकल जाता है और जब भी दोनों के बीच फर्क 0.9 सेकंड हो जाता है तो दुनियाभर में आणविक घड़ियों के माध्यम से यूटीसी में 1 लीप सेकंड जोड़ दिया जाता है। (भाषा)