लोकसभा में पास कराने के बाद मोदी सरकार ने तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पास करा दिया है। BJD ने इस बिल का समर्थन किया, वहीं JDU, AIADMK और TRS ने वॉकआउट किया। PDP और BSP भी वोटिंग में शामिल नहीं हुईं। इसे मोदी सरकार के लिए ऐतिहासिक कामयाबी का दिन माना जा रहा है। मुस्लिम महिलाओं से जुड़े इस बिल की 10 खास बातें...
- तीन तलाक बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास हो गया है। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून का रूप ले लेगा।
- इस बिल को मुस्लिम महिला (महिला अधिकार संरक्षण कानून) बिल 2019 का नाम दिया गया है।
- लिखित, मौखिक या अन्य किसी भी माध्यम से अब तीन तलाक नहीं दिया जा सकेगा। ऐसा करने वालों को सजा का प्रावधान है।
- आरोपी को 3 साल तक की कैद और जुर्माना दोनों देना पड़ सकता है। जुर्माने की रकम भी काफी ज्यादा है।
- तीन तलाक को संज्ञेय अपराध मानने का प्रावधान, यानी पुलिस बिना वारंट गिरफ्तार कर सकती है।
- पीड़ित महिला पति से गुजारा भत्ते का दावा कर सकती है। मुआवजा कितना देगा होगा ये मजिस्ट्रेट तय करेंगे।
- पीड़ित महिला और उसके परिजनों को FIR दर्ज कराने का अधिकार मिलेगा।
- मजिस्ट्रेट आरोपी को जमानत दे सकता है। हालांकि जमानत तभी दी जाएगी, जब पीड़ित महिला का पक्ष सुना जाएगा।
- पीड़ित महिला के अनुरोध पर मजिस्ट्रेट समझौते की अनुमति दे सकता है।
- मजिस्ट्रेट को सुलह-समझौते के बाद शादी बरकरार रखने का अधिकार।
पाकिस्तान, बांग्लादेश, तुर्की, साइप्रस, मिस्र, ट्यूनेशिया, इंडोनेशिया, इराक एवं श्रीलंका जैसे देशों में 3 तलाक पर पाबंदी लगी हुई है।