अगरतला। त्रिपुरा पुलिस ने रविवार को पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की नेता सायानी घोष को हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। घोष की गिरफ्तारी पर बवाल मच गया। इस बीच गिरफ्तारी के विरोध में तृणमूल कांग्रेस नेता दिल्ली पहुंच गए। इस मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी एक्शन में नजर आ रही है।
तृणमूल कांग्रेस सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल त्रिपुरा में पुलिस की कथित बर्बरता के मुद्दे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के लिए दिल्ली पहुंच गए। टीएमसी ने शाह से मुलाकात का समय मांगा है और पार्टी के नेता सोमवार सुबह से धरना पर बैठने वाले हैं।
घोष पर एक नुक्कड़ सभा के दौरान मुख्यमंत्री बिप्लव कुमार देब को धमकी देने का आरोप है। घोष ने बैठक स्थल पर पहुंचकर 'खेला होबे' के नारे लगाकर सभा को बाधित किया।
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (सदर) रमेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई टिप्पणियों के आरोप में सायानी घोष के खिलाफ भादंसं की धारा 307 (हत्या का प्रयास), धारा 153ए (दो समूहों के बीच वैमन्स्य को बढ़ावा देना) के तहत गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि घोष और उनके साथ पहुंचे कुछ लोगों ने मुख्यमंत्री की सभा के दौरान पथराव किया।
तृणमूल कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई की युवा शाखा की सचिव सायानी घोष को तृणमूल कांग्रेस के महासचिव अभिषेक बनर्जी के दौरे से 24 घंटे पहले हिरासत में लेने के बाद गिरफ्तार किया गया। घोष को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था। पुलिस सूत्रों ने कहा कि अभिषेक की अगरतला में एक रैली आयोजित करने की योजना थी, जिसे कोविड के वर्तमान हालात को देखते हुए अनुमति नहीं दी गई है।
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने आरोप लगाया कि पूर्वी अगरतला महिला पुलिस थाने के बाहर उनके कार्यकर्ताओं के साथ भाजपा समर्थकों ने धक्का-मुक्की की। हालांकि, भाजपा ने आरोप को खारिज किया है।
बनर्जी ने ट्वीट कर त्रिपुरा की भाजपा सरकार पर राजनीतिक दलों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकारों पर उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया।
बनर्जी ने रविवार सुबह को किए गए कथित हमले का वीडियो ट्विटर पर साझा किया और मुख्यमंत्री बिप्लब देब पर निशाना साधते हुए कहा, 'वह हमारे समर्थकों और महिला उम्मीदवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय हमला करने के लिए लगातार गुंडे भेज रहे हैं। त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा लोकतंत्र का मजाक बना रही है।'
वहीं, भाजपा की त्रिपुरा इकाई के प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने कभी भी तृणमूल कांग्रेस के किसी समर्थक पर हमला नहीं किया, क्योंकि पार्टी इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी नहीं मानती।