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राम मंदिर आंदोलन में आहुति देने वालों को 'याद' रखेगा ट्रस्ट

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संदीप श्रीवास्तव

Ayodhya Ram Mandir: राम नगरी अयोध्या में श्रीराम की जन्मभूमि के लिए लगभग 500 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद वह ऐतिहासिक क्षण आया जब करोड़ों लोगों के आराध्य प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य ‍मंदिर आकार ले चुका है। इस मंदिर के लिए कई लोगों ने बलिदान दिया। इन बलिदानियों की स्मृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा मूर्तियां लगाई जाएंगी। इतना ही नहीं इनके नाम से अयोध्या के भवनों, मोहल्लों व चौराहों का भी नामकरण किया जा सकता है।
 
ट्रस्ट की बैठकों में इस बात पर गंभीरतापूर्वक विचार किया गया है कि राम मंदिर आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाले राम भक्तों को भी उचित सम्मान दिया जाना चाहिए ताकि राम मंदिर के इतिहास के में इनका नाम स्वर्णिम अक्षरों मे अंकित हो सके। इन लोगों के नाम पर मूर्तियां, स्मारक और सड़कों-भवनों के नाम रखने जैसे विकल्पों पर भी विचार किया गया है। अयोध्या में बनने वाले प्रस्तावित राम म्यूजियम में ऐसे सभी शहीदों को स्थान देकर उन्हें सम्मान देने की योजना पर भी अंतिम सहमति बन सकती है। 
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पूरी संख्या ज्ञान नहीं : इस प्रस्ताव को स्वीकार करने में सबसे बड़ी बाधा यह है कि राम मंदिर आंदोलन में अपने प्राण गंवाने वाले राम भक्तों की संख्या की ठीक-ठीक जानकारी नहीं है। लगभग 500 वर्ष लंबे चले राम मंदिर आंदोलन में हजारों लोगों के मारे जाने का दावा किया जाता है।
 
1990 के दशक में चले आंदोलन से पूर्व के आंदोलनों में अपने प्राण गंवाने वाले राम भक्तों के विषय में ठीक-ठीक सूचना पाना भी कठिन हो सकता है। इनकी संख्या भी बहुत अधिक हो सकती है और इस कारण सबकी मूर्तियां बनवाना संभव नहीं हो सकता है। यही कारण है कि अपने प्राण गंवाने वाले ऐसे सभी राम भक्तों के लिए अलग-अलग मूर्तियां बनवाने के विचार को उपयुक्त नहीं पाया गया है।
 
सबसे अधिक सहमति इस बात पर बन रही है कि जितने भी राम भक्तों के आंदोलन में मारे जाने की सही जानकारी है, सूचना है, उन्हें एक म्यूजियम में स्थान दिया जा सकता है। लाइट एंड साउंड शो और चलचित्र प्रदर्शनी के माध्यम से इन राम भक्तों की आंदोलन में भूमिका को याद किया जा सकता है और इसके माध्यम से उन्हें सम्मान दिया जा सकता है।
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राम मंदिर आंदोलन मे शहीदों के नाम : कोठरी बंधु (शरद कोठरी, राजकुमार कोठरी ), वासुदेव गुप्ता, राजेंद्र दहकार, रमेश पांडेय के साथ अनेको शहीद करसेवकों के नाम। 
 
राम मंदिर आंदोलन की अगुआई करने वालों के नाम : दाऊ दयाल खन्ना, विजया राजे सिंधिया, परमहंस रामचंद्रदास, महंत अवैद्यनाथ, स्वामी वामदेव महराज, रज्जू भैया, मोरोपंत पिंगले, केसी सुदर्शन, अशोक सिंघल, आचार्य गिरिराज किशोर, ओंकार भावे, मफल सिंह, जगतगुरु पुरुषोत्तमाचार्य, महेश नारायण सिंह, श्रीस चंद्र दीक्षित, ठाकुर गुरुचरण सिंह, ओमप्रकाशजी, बीएल. शर्मा , देवकीनंदन अग्रवाल, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, गुरुदत्त सिंह सहित कई अन्य संत-महंत शामिल हैं। 
Edited by: Vrijendra Singh Jhala

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