इस्तांबुल/दमिश्क। तुर्की के दक्षिण में सीरियाई सीमा के पास सोमवार तड़के भूकंप के जोरदार झटकों से 5 देशों में तबाही मच गई। तुर्की और सीरिया में भूकंपों के कारण अब तक 4,000 से अधिक लोगों की मौत हो गई जबकि 15,000 से ज्यादा घायल है। भूकंप में करीब 5 हजार इमारतें ढह गईं और मलबे के भीतर हजारों लोग दब गए। तुर्की का ऐतिहासिक गजियांटेप कैसल भी इस भूकंप में ढह गया। 2,200 से अधिक साल पहले बना यह कैसल तुर्की के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
राहत और बचाव कार्य जोरो से चल रहा है। इस बीच Who ने दावा किया कि भूकंप की वजह से 20,000 लोग मारे जा सकते हैं।
भारत ने भेजी मदद : भारत ने वायुसेना के विमान से भूकंप राहत सामग्री का पहला जत्था भेजा है। राहत सामग्री के साथ राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और चिकित्सा दलों को तुर्की गणराज्य की सरकार के समन्वय से तुरंत तुर्की भेजा जा रहा है। राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की 2 टीमें, विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान दस्ते और आवश्यक उपकरण भूकंप प्रभावित क्षेत्र में उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। दोनों टीमों में 100 कर्मी शामिल हैं।
दुनिया से उठे मदद के लिए हाथ : तुर्की ने 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की। अब तक कई हजार लोगों की मौत हो चुकी है. पूरी दुनिया ने तुर्की में आए भूकंप की घटना के प्रति संवेदना जताया है। भारत और अमेरिका के अलावा युद्धग्रस्त रूस एवं यूक्रेन समेत कई देशों ने भूकंप प्रभावित देशों की मदद की पेशकश की है। तुर्की में सोमवार को 7.8, 7.6 और 6.0 की तीव्रता (रेक्टर स्केल के अनुसार) के लगातार 3 भूकंप दर्ज किए गए। भूकंप के झटके लेबनान, इजरायल और इराक सहित पूरे क्षेत्र में महसूस किए गए।
100 झटको ने दहलाया : स्थानीय समयानुसार तड़के 4.17 बजे भूकंप का एक शक्तिशाली झटके महसूस किए गए। पहले झटकों के कुछ मिनट बाद फिर शक्तिशाली झटके महसूस किया गया जिसमें तुर्की और सीरिया में भारी तबाही मचाई है। तुर्की आपदा प्रबंधन एजेंसी के हवाले से कहा गया है कि पूरे इलाके में एक के बाद एक 100 से अधिक झटके महसूस किए गए हैं। तुर्की समेत लेबनान, सीरिया, साइप्रस, इराक, इजरायल और फ़लस्तीन में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं, जहां बड़े पैमाने पर जान-माल का नुकसान हुआ है।
तुर्की में सोमवार तड़के एक के बाद भूकंप के 2 शक्तिशाली झटके महसूस किए गए। बीबीसी ने बताया है कि भूकंप प्रभावित इलाकों में इमारतों को भारी नुक़सान पहुंचा है। तुर्की में तेज़ी से बचाव कार्य किये जा रहे हैं, लेकिन अधिकारी आशंका जता रहे हैं कि अभी भी कई लोग मलबे में दबे हो सकते हैं।
तुर्की में सोमवार सुबह 7.8 तीव्रता का भूकंप आने से हाहाकार मच गया। भूकंप का प्रभाव इतना तेज था कि इसका असर सीरिया, लेबनान और इजरायल में भी महसूस किया गया। तुर्की में सबसे प्रभावित शहरों में राजधानी अंकारा और नूरदगी समेत 10 शहर रहे।
अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप का केंद्र गाजियांटेप से लगभग 33 किलोमीटर (20 मील) और नूरदगी शहर से लगभग 26 किलोमीटर (16 मील) दूर था। यह 18 किलोमीटर (11 मील) की गहराई पर केंद्रित था। डेनिश भू-वैज्ञानिक संस्थान का कहना है कि तुर्की में भूकंप के झटके ग्रीनलैंड तक महसूस किए गए हैं।
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैय्यप एर्दोगन ने ट्विटर पर कहा कि भूकंप से प्रभावित क्षेत्रों में खोज और बचाव दलों को तुरंत भेजा गया। हमें उम्मीद है कि हम इस आपदा को एक साथ जल्द से जल्द और कम से कम नुकसान के साथ पार कर लेंगे।
तुर्की में दोबारा भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इस बार रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 7.6 मापी गई। भूकंप के झटके भारतीय समयानुसार तड़के तीन बजकर 54 मिनट पर महसूस किए गए। इसका केंद्र अंकारा से 427 किलोमीटर दूर जमीन से 10 किमी. अंदर था।
Edited by : Nrapendra Gupta