ट्विटर को बड़ा झटका लगा है। बात कुछ ऐसी है कि अब ट्विटर की गिनती भारत के इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म में नहीं होगी, क्योंकि उससे ये दर्जा छीन लिया गया है। इसका कारण ये है ट्विटर का नए आईटी नियमों का पालन ना करना। सरकारी सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक ट्विटर एकमात्र ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो नए आईटी कानूनों का पालन नहीं करता है।
पता चला है कि 9 जून को ट्विटर द्वारा सरकार को लिखा गया था कि वह सोशल मीडिया कंपनियों से नए आईटी नियमों का पालन कराने का प्रयास कर रहे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वह अधिकारियों की नियुक्ति करने में असफल रहा। इससे पहले आईटी की नई गाइडलाइन का पालन करने के लिए कंपनी को अतिरिक्त समय दिया गया था, लेकिन वह निर्धारित समय में सरकार द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन का पालन नहीं कर पाई है, जिसके चलते अब ट्विटर को इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म का दर्जा खोना पड़ा है।
सरकार ने छीन लिया कानूनी संरक्षण
सरकार द्वारा नई आईटी नियमों को ना मानने के कारण ना केवल अपना इंटरमीडियरी का दर्जा खोया है बल्कि अब ट्विटर पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। पता चला है कि ट्विटर पर 'गैर-कानूनी या भड़काऊ पोस्ट' शेयर करने पर आईपीसी की आपराधिक धाराओं के तहत पुलिस कंपनी से पूछताछ कर सकती है, क्योंकि अब ट्विटर के पास कानूनी संरक्षण नहीं है। बताते चलें, गूगल, यूट्यूब, फेसबुक, वॉट्सप और इंस्टाग्राम को अभी भी कानूनी संरक्षण प्राप्त है क्योंकि वह सरकार के नए आईटी नियमों का पालन करते हैं।