जम्मू। तीन दिनों से हो रही भीषण बर्फबारी ने कश्मीर में भयानक तबाही मचाई है। आरंभिक रिपोर्टों के अनुसार, दो लोगों की मौत मकान गिरने से हो चुकी है जबकि दो दर्जन से अधिक घर भी गर्फ से ढह गए। चौथे दिन भी नेशनल हाईवे समेत सभी अन्य सड़क मार्ग बंद हैं। पिछले तीन दिनों से कोई विमान उड़ान भी नहीं भर पाया है।
अभी तक बर्फबारी के कारण वृद्ध महिला समेत दो लोगों की जान जा चुकी है। मरने वाला दूसरा व्यक्ति सीआरपीएफ जवान है। वह पूर्व विधायक सईद मोहम्मद आखून की सुरक्षा में तैनात था।
जानकारी के अनुसार पूर्व विधायक सईद मोहम्मद आखून की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ की 115 बटालियन के जवान पर बर्फ से लदी छत गिर गई। बर्फ में दबने से उसकी मौत हो गई। जवान की पहचान एससी मुर्मू निवासी बुकारू पश्चिम बंगाल के रूप में हुई है। यह हादसा श्रीनगर के हजरतबल इलाके में पेश आया। इसके अलावा दूसरा हादसा जिला कुपवाड़ा के त्रेगाम इलाके में पेश आया, जब बर्फ से लदी छत कमरे में मौजूद एक बुजुर्ग महिला पर गिर गई।
शनिवार रात से जारी बारिश मंगलवार देर रात से थम गई है, लेकिन मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर से मिली जानकारी अनुसार अभी जम्मू में बारिश के आसार बने हुए हैं। कश्मीर में आज से मौसम आज से साफ हो जाएगा। बारिश थम जाने के बावजूद ठंड का प्रकोप बढ़ेगा।
बुधवार को भी लो-विजिब्लिटी होने के कारण जम्मू व श्रीनगर में सुबह के समय सभी उड़ानें कैंसिल कर दी गई। घाटी पहुंचने वाली दर्जनों उड़ानें रद्द की जा चुकी हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जमीं बर्फ को साफ करने का अभियान जारी है लेकिन लगातार भारी बर्फबारी और कम दृश्यता की वजह से रनवे पर विमानों का आवागमन नहीं हो सकता है।
दिन भर के लिए दर्जनों उड़ानें रद्द की जा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि मौसम में सुधार और रनवे पर बिलकुल भी बर्फ नहीं जमीं होने की स्थिति में ही विमानों का परिचालन शुरू किया जा सकता है। घाटी में भारी बर्फबारी के मद्देनजर पिछले तीन दिन से विमानों का परिचालन निलंबित है।
हिमस्खलन और भूस्खलन की चेतावनी से दहशत : इस बीच, अधिकारियों की उस चेतावनी ने कश्मीरियों को दहशतजदा कर दिया है जिसमें कहा गया है कि ऊंचाई वाले इलाकों में अगले 4-5 दिनों तक हिमस्खलन और भूस्खलन का खतरा मंडराता रहेगा। ऐसे में इन इलाकों में रहने वालों को घरों से बाहर निकलने की मनाही की गई है।
जम्मू कश्मीर आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की जम्मू व कश्मीर संभाग के ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्खलन की चेतावनी के बाद प्रशासन ने आपदा प्रबंधन केंद्रों को पूरी तरह से तैयार रखने को कहा है ताकि हर प्रकार के हालात से निपटा जा सके। हिमस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों पर अधिक नजर रखी जा रही है। इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए सभी प्रबंध किए गए हैं। जरूरी सेवाओं को बहाल करने की स्थिति के बारे में पंचायती राज संस्थानों के सदस्यों से भी जानकारी ली गई।