अमेरिका में समुद्री तूफान माइकल ने तबाही मचा रखी है तो भारत में तितली ने कहर ढा रखा है। इन समुद्री तूफानों ने न सिर्फ जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है बल्कि विकास की दौड़ में तेजी से आगे बढ़े कई शहरों को एक बार फिर मीलों पीछे छोड़ दिया है। जापान में त्रामी, ओडिशा में डे, अमेरिका में फ्लोरेंस ने हाल के महीनों में जो तबाही मचाई उसका दंश लोग अभी भी झेल रहे हैं। ऐसे में यह सवाल भी उठ रहे हैं इन दिनों इतने तूफान क्यों आ रहे हैं...
तो आखिर कैसे बनते है प्रलयंकारी तूफान : तूफान की उत्पत्ति तब होती है, जब समुद्री जल का तापमान 79 डिग्री फारेनहाइट (26.1 डिग्री सेल्सियस) से बढ़ जाता है। जैसे-जैसे गर्म जल वाष्प में बदलता और ऊपर वातावरण में पहुंचता है, यह ठंडी हवा से मिलकर प्रतिक्रिया करता है और तूफान के रूप में सामने आता है। उच्च तापमान से ऊर्जा का स्तर बढ़ता है, जो आखिर में हवाओं की रफ्तार, बारिश और अन्य कारकों को प्रभावित करता है।
जब तापमान बढ़ता है तो वातावरण में मॉइश्चर (नमी) बढ़ जाता है। हवा में नमी अधिक होने से जब वो कम या ज्यादा तापमान वाले क्षेत्रों में पहुंचती है तो अत्यधिक शक्तिशाली सिस्टम बन जाता है जिससे बिजली गिरना, भारी बरसात, ओला वृष्टि या अत्यधिक बर्फ गिरने की स्थिति बन जाती है।
तीन लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया : चक्रवाती तूफान तितली के खतरे को देखते हुए ओडिशा सरकार ने पांच तटीय जिलों के निचले क्षेत्रों से तीन लाख से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। ओडिशा के गोपालपुर में सतह पर हवा की रफ्तार 126 किमी प्रति घंटे थी जबकि आंध्रप्रदेश के कलिंगपत्तनम में इसकी रफ्तार 56 किमी प्रति घंटे दर्ज की गई।
तितली के कारण मध्यप्रदेश में फिर बदलेगा मौसम : देश के तटीय क्षेत्रों में चक्रवाती तूफान 'तितली' का आंशिक असर मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में भी दिखाई पड़ सकता है। इसके कारण राज्य के पूर्वी और उत्तरी अंचलों के कुछ जिलों में बादल छाए रहने के साथ बारिश हो सकती है। स्थानीय मौसम केंद्र के अनुसार राज्य में एक सप्ताह पहले मानसून की विदाई होने के साथ ही बारिश के आसार लगभग समाप्त हो गए थे। लेकिन ओडिसा के तटीय क्षेत्रों में चक्रवाती तूफान तितली के कारण मध्यप्रदेश के मौसम में भी बदलाव आ सकता है।
चक्रवाती तूफान 'तितली' से ट्रेन सेवाएं प्रभावित : ओडिशा और आंध्र प्रदेश में आए चक्रवाती तूफान 'तितली' के कारण खड़गपुर जंक्शन की दक्षिण-पूर्वी रेलवे की लोको सेवा और दक्षिणी राज्यों तथा ओडिशा में ट्रेन सेवा प्रभावित हुई हैं जिसके चलते अधिकारियों ने कई ट्रेनों का मार्ग परिवर्तन और पुनर्निर्धारण कर दिया है, साथ ही कई ट्रेनों को रद्द भी कर दिया गया है।
दम-दम एयरपोर्ट से चलने वाली विमान सेवा भी तूफान से प्रभावित हुई है। आज सुबह सरकार और निजी स्वामित्व वाली विमान कंपनियों ने तूफान के मद्देनजर भुवनेश्वर और विजाग के बीच विमान सेवा रद्द कर दी।
इन क्षेत्रों में ट्रेनों को या तो स्थगित कर दिया गया या रद्द कर दिया गया है। खड़गपुर-वेल्लुपुरम एक्सप्रेस स्थगित रहेगी। भुवनेश्वर-बेंगलुरु प्रोसांति एक्सप्रेस, भुवनेश्वर-चेन्नई-सेंट्रल एक्सप्रेस रद्द, शालीमार-सिकंदराबाद रद्द, गुनपुर-पुरी रद्द कर दी गई है।
विनाशकारी तूफान के रूप याद किया जाएगा माइकल : अमेरिका के फ्लोरिडा तट की ओर बढ़ रहा माइकल तूफान अब तक के सबसे विनाशकारी और विकराल तूफान के तौर पर याद किया जाएगा। अमेरिका ने तूफान की तीव्रता को देखते हुए खतरे की कैटेगरी-4 में होने की घोषणा कर दी है। माइकल इस वक्त 210 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फ्लोरिडा की ओर बढ़ रहा है जिसे देखते हुए सरकार ने 5 लाख लोगों को शहर छोड़ने की चेतावनी जारी कर दी है।