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23.55% वेतन बढ़ाने के बावजूद केंद्रीय कर्मचारी 11 जुलाई से करेंगे हड़ताल

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नई दिल्ली , गुरुवार, 30 जून 2016 (10:31 IST)
सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को सरकार की मंजूरी मिलने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 23.55 फीसदी का इजाफा होगा। लेकिन इससे केंद्र सरकार के एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनधारक संतुष्ट नहीं है और उन्होंने इसके विरोध में हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों की कम से कम सैलरी 18 हजार रुपए की गई है जिससे यूनियन संतुष्ट नहीं है। केंद्रीय कर्मचारियों के संगठनों की नेशनल ज्वाइंट काउंसिल ऑफ एक्शन ने धमकी दी है कि अगर मांगें नहीं मानी गई तो 11 जुलाई से हड़ताल पर चले जाएंगे।
 
अगर 11 जुलाई से हड़ताल होती है तो इसमें 32 लाख केंद्रीय कर्मचारियों शामिल हो सकते हैं इनमें रेलवे के कर्मचारी भी शामिल हैं। 42 साल बाद पहली बार रेलवे कर्मचारी अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।
 
केंद्रीय कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से कई मंत्रालयों का कामकाज ठप पड़ सकता है जबकि रेल सेवा अगर प्रभावित हुई तो लाखों लोगों पर इसका सीधा असर पड़ेगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हड़ताल के फैसले को अनुचित बताते हुए  कहा कि इसके लागू होने पर उनका वेतन निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की तुलना में अधिक हो जाएगा।
 
गौरतलब है कि वेतन-भत्तों और पेंशन में कुल मिलाकर 23.55 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। केंद्र सरकार में शुरुआती मूल वेतन 7000 रुपए है। इसमें 125 फीसदी महंगाई भत्ता यानी डीए जोड़ दें तो तो ये रकम हो जाती है 15750 रुपए। कैबिनेट की मुहर लगने के बाद ये सैलरी हो जाएगी 18000 रुपए यानी करीब सवा चौदह फीसदी की बढ़ोतरी।
 
इसी तरह केंद्र सरकार के सबसे बड़े अधिकारी यानी कैबिनेट सचिव की तनख्वाह है 90 हजार रुपए। 125 फीसदी महंगाई भत्ता जोड़कर होती है 2 लाख 2 हजार 500 रुपए। आयोग की सिफारिशों के बाद सैलरी हो जाएगी ढाई लाख रुपए यानी 23.4 फीसदी की बढ़ोतरी। कुल मिलाकर कर्मचारियों से अधिकारियों का वेतन 18 हजार से लेकर ढाई लाख तक हो जाएगा। रिटायर हो चुके लोगों के पेंशन में भी करीब बीस फीसदी का इजाफा होगा। यानी अगर पेंशन 10 हजार रुपए है और 125 फीसदी डीए के बाद पेंशन साढ़े बारह हजार रुपए बनती है तो 20 फीसदी बढ़कर अगस्त से पेंशन 15 हजार रुपए हो जाएगी।
 
माना जा रहा है कि 70 साल में वेतन आयोग ने वेतन में सबसे कम बढ़ोतरी की सिफारिश की। वेतन आयोग ने इस बार 14.27 फीसदी मूल वेतन में बढ़ोतरी की सिफारिश की, जिसे कैबिनेट ने हू-ब-हू मंजूर कर लिया। जबकि छठे वेतन आयोग में 20 फीसदी मूल वेतन की सिफारिश की गई थी। 2008 में इसे लागू करते समय तत्कालीन यूपीए सरकार ने दोगुनी बढ़ोतरी कर दी थी।
 
वेतन आय़ोग की सिफारिशों पर अब सरकार अमल करने जा रही है. सरकार पर एक लाख करोड़ रुपए से भी ज्यादा का खर्च बढ़ेगा। देश की जीडीपी पर 0.7 फीसदी का बोझ बढ़ जाएगा। रिजर्व बैंक की मानें तो सिस्टम में ज्यादा पैसा आने से महंगाई बढ़ेगी।

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