नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के सुदूर क्षेत्रों एवं जनजातीय इलाकों में 32,152 किलोमीटर सड़क निर्माण करने को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी। इस पर 33,822 करोड़ रुपए का अनुमानित व्यय होगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय किया गया।
सरकारी बयान के अनुसार, मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना चरण-1, चरण-2 और वामपंथी चरमपंथ प्रभावित इलाकों में सड़क संपर्क योजना (आरसीपीएलडब्ल्यूईए) को जारी रखने को मंजूरी प्रदान की।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सभी मौजूदा परियोजनाओं को पूरा करने के लिए राज्य के हिस्से सहित 2021-22 से 2024-25 तक कुल 1,12,419 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है। ठाकुर ने बताया कि मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने देश के सुदूर क्षेत्रों एवं जनजातीय इलाकों में 32,152 किलोमीटर सड़क निर्माण करने को मंजूरी प्रदान कर दी।
उन्होंने बताया कि इस पर 33,822 करोड़ रुपए का अनुमानित व्यय होगा, जिसमें केंद्र की हिस्सेदारी 22,978 करोड़ रुपए होगी। बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 9 राज्यों के 44 जिलों में आरसीपीएलडब्ल्यूईए के तहत 2016 से 4,490 किलोमीटर लंबी सड़कों और 105 पुलों का निर्माण पूरा हो चुका है। शेष कार्यों को पूरा करने में पूर्वोत्तर और पर्वतीय राज्यों की मदद के लिए सितंबर, 2022 तक समय बढ़ाया जा रहा है।
इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत ग्रामीण सड़कों के निर्माण में नई और हरित प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाता है तथा किफायती और तेजी से निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सड़क निर्माण में स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्रियों का इस्तेमाल किया जाता है।
बयान के अनुसार, अब तक नई और हरित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करते हुए एक लाख किलोमीटर से अधिक लंबी सड़कों का निर्माण किया जा चुका है, जिसमें से 61,000 किलोमीटर से अधिक का काम पूरा हो चुका है। उत्तर प्रदेश में हाल में फुल डेप्थ रिक्लेमेशन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से निर्माण के लिए 1,255 किलोमीटर सड़क की मंजूरी दी गई है। फुल डेप्थ रिक्लेमेशन टेक्नोलॉजी सड़क निर्माण की आधुनिक प्रौद्योगिकी है।
इसमें कहा गया है कि जिन परियोजनाओं के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध किया गया है, वे पहले से ही पीएमजीएसवाई के तहत कार्यान्वयन के अधीन हैं। पीएमजीएसवाई-1 और 2 के तहत सभी परियोजनाएं पहले ही स्वीकृत की जा चुकी हैं। मंत्रालय द्वारा आरसीपीएलडब्ल्यूईए के तहत दिसंबर, 2021 तक शेष अतिरिक्त प्रस्ताव को मंजूरी का प्रयास किया जाएगा।(भाषा)