हरिद्वार। हरिद्वार स्थित गायत्री तीर्थ शांतिकुंज के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में व्याख्यान माला में प्रतिभाग करते हुए केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने देश की युवा पीढ़ी के साथ-साथ 130 करोड़ देशवासियों से आह्वान किया कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में अपने छोटे-छोटे संकल्पों से देश को महान और मजबूत बनाएं।
गृहमंत्री के अनुसार देश इस वक्त एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। यह आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक होने के साथ-साथ भारतीय सनातन धर्म, संस्कृति आधारित आध्यात्मिक बदलाव भी है।अमित शाह ने कहा, पहली बार देश के अंदर ऐसी नई शिक्षा नीति लाई गई है, जिसमें मातृभूमि की मिट्टी की सुगंध आ रही है। इसलिए देव संस्कृति विश्वविद्यालय में पढ़ रहे बच्चे एक बार नई शिक्षा नीति का अध्ययन जरूर करें।
संस्कृति विद्यालय में पढ़ रहे बच्चे करोड़ों लोगों में बहुत भाग्यवान हैं जो उन्हें यहां पर पढ़ने का अवसर मिला है। इसलिए वह पढ़-लिखकर भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाएं। शांतिकुंज के हम बदलेंगे युग बदलेगा नारे के साथ संकल्प लेकर जाएं और राष्ट्र निर्माण में कार्य करें।
अमित शाह ने कहा कि आज पूरा देश आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। मैं उम्मीद करता हूं कि जब हम आजादी के 100 साल मनाएं तो कम से कम ऐसी स्थिति में भारत खड़ा हो कि वह विश्व का नेतृत्व करने की भूमिका में आ जाए। इसके लिए सभी को एकजुट होकर राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगना है।
शांतिकुंज परिवार के प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या ने कहा कि अमित शाह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो दृढ़ता के साथ जम्मू-कश्मीर में जाकर वहां के युवाओं को आतंकवाद के विरुद्ध लड़ने का आह्वान करते हैं। वह देश के लिए न पाकिस्तान से डरते हैं, न तालिबान से डरते हैं। इसलिए जल्द ही पीओके भी भारत का हिस्सा होगा और वह कश्मीर की तरह अद्भुत सुंदर और अकल्पनीय बनेगा। इसके लिए शांतिकुंज परिवार अमित शाह का हर प्रकार से सहयोग करेगा।
केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपने हरिद्वार दौरे में शांतिकुंज के अलावा शनिवार को श्री हरिहर आश्रम, कनखल, हरिद्वार में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि से भेंट कर देव-दर्शन एवं पूजन-अर्चना में भी व्यस्त रहे। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने गृहमंत्री अमित शाह के साथ हिंदू धर्म आचार्य सभा के प्रमुख संत एवं शीर्षस्थ गणमान्य विभूतियों से आध्यात्मिक भेंट एवं अन्य बिंदुओं पर चर्चा की।