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नोटबंदी : पटेल की चुप्पी पर सवाल को दास ने नजरअंदाज किया

हमें फॉलो करें नोटबंदी : पटेल की चुप्पी पर सवाल को दास ने नजरअंदाज किया
, बुधवार, 23 नवंबर 2016 (19:58 IST)
नई दिल्ली। सरकार द्वारा 500 और 1,000 का नोट बंद करने के करीब दो सप्ताह बाद भी रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने इस मुद्दे पर सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, उनकी चुप्पी को लेकर पूछे गए सवाल को वित्त मंत्रालय ने नजरअंदाज करते हुए बुधवार को कहा कि सरकार की नीतियों की जानकारी कौन देता है यह महत्वपूर्ण नहीं है, जानकारी देना अधिक महत्वपूर्ण है।
सरकार ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 का नोट बंद करने की घोषणा की थी। उसके बाद से इस मुद्दे पर सरकार की ओर से आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकां‍त दास ने मोर्चा संभाला हुआ है। वे लगभग दैनिक आधार पर नकदी संकट को दूर करने को सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दे रहे हैं।
 
दास ने कहा कि जानकारी कौन देता है इससे महत्वपूर्ण सूचना प्रदान करना है। उनसे बुधवार को पूछा गया था कि पटेल ने इस घोषणा के बाद एक भी सार्वजनिक बयान क्यों नहीं दिया है, इस पर दास ने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि कौन बोल रहा है। मैं सरकार की ओर से बात कर रहा हूं, अपनी निजी हैसियत से नहीं। ऐसे में यह महत्व नहीं रखता कि कौन बोल रहा है और कौन नहीं?
 
दास ने कहा कि हमें ये सब चीजें नहीं करनी चाहिए। सूचना देने के मकसद से कौन बता रहा है यह महत्वपूर्ण नहीं है। विचार यह है कि सरकार सभी सूचनाओं की जानकारी दे। वित्त सचिव अशोक लवासा और बैंकिंग परिचालन विभाग को देखने वाले वित्तीय सेवा विभाग की सचिव अंजुली छिब दुग्गल ने भी इस मुद्दे पर कोई संवाददाता सम्मेलन नहीं किया है।
 
रिजर्व बैंक मुद्रा जारी करता है और करेंसी का प्रबंधन केंद्रीय बैंक का प्रमुख काम है। मीडिया से बचने वाले पटेल ने 86 प्रतिशत करेंसी को बाहर किए जाने की घोषणा के बाद से नकदी के प्रबंधन पर कोई बयान नहीं दिया है। (भाषा)

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