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अमेरिकी रक्षा मंत्री ने की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात, क्या हुई चर्चा खास...

अफगानिस्तान में अमेरिका भारत की सेना चाहता है, भारत ने किया इनकार

हमें फॉलो करें अमेरिकी रक्षा मंत्री ने की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात, क्या हुई चर्चा खास...
, बुधवार, 27 सितम्बर 2017 (09:31 IST)
नई दिल्ली। भारत यात्रा पर आए अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और इस दौरान शांति, स्थिरता तथा आतंकवाद से लड़ने के लिए साझा प्राथमिकताओं के लिहाज से भारत और अमेरिका के बीच विस्तृत क्षेत्रीय तथा वैश्विक सहयोग पर चर्चा की।
 
प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान के अनुसार इस मुलाकात में मोदी ने आपसी हितों के क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर भारत और अमेरिका की गहन साझेदारी की प्रशंसा की।
 
प्रधानमंत्री ने इस साल जून में हुई अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापक, स्पष्ट और सकारात्मक बातचीत को याद किया। मैटिस ने प्रधानमंत्री को द्विपक्षीय एजेंडा को आगे बढ़ाने में तथा उनकी अमेरिका यात्रा के दौरान लिए गए फैसलों को लागू करने में हुई प्रगति की जानकारी दी। 
 
जेम्स की सीतारमण से मुलाकात : इससे पहले मैटिस ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से विस्तार से चर्चा की थी। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के साथ बातचीत के बाद यह बात कही। दोनों ने रक्षा संबंधों को और मजबूत करने के तौर तरीकों के साथ ही पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने तथा अफगानिस्तान से जुड़े अहम मुद्दों पर भी चर्चा की।
 
उत्तर कोरिया द्वारा हाल ही में किए गए मिसाइल परीक्षणों और दक्षिण चीन सागर पर चीन की प्रभुत्व बढ़ाने की कोशिशों के बीच दोनों पक्षों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सहयोग को और गहरा करने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया।
 
अफगानिस्तान के संबंध में अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए सीतारमण ने कहा कि उन्होंने इस बारे में उपयोगी चर्चा की कि दोनों देश किस तरह से द्विपक्षीय सहयोग को और अफगान सरकार के साथ सहयोग को मजबूत कर सकते हैं ताकि शांतिपूर्ण, लोकतांत्रिक, स्थिर और समृद्ध अफगानिस्तान के साझा उद्देश्य को हासिल किया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत ने बांध और अस्पताल बनाए हैं और वह संघर्ष प्रभावित देश को विकास सहायता पहुंचाता रहेगा। 
 
भारत ने अफगानिस्तान में किसी तरह के सैनिक योगदान की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि वह इस संघर्ष प्रभावित देश में विकास कार्यों में सहायता प्रदान करता रहेगा।  (भाषा)

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