नई दिल्ली। चीन से जारी तनाव के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ (Mike Pompeo) और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर 'टू प्लस टू' मंत्रीस्तरीय वार्ता में हिस्सा लेने के लिए आज भारत आ रहे हैं। अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव और चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव के बीच हो रही इस बैठक को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भारत और अमेरिका का रिश्ता अब काफी मजबूत होता जा रहा है। सिर्फ 2 साल में तीसरी बार अमेरिका भारत के बीच टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता का आयोजन हो रहा है। पॉंम्पिओ ने ट्वीट कर बताया कि वे भारत का दौरा खत्म करने के बाद श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया की यात्रा भी करेंगे।
भारत का चीन के साथ जारी सीमा विवाद और अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों से एक हफ्ते पहले वार्ता के तीसरे संस्करण में हिस्सा लेने दोनों नेता यहां आ रहे हैं। भारत की तरफ से इस वार्ता में विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल होंगे। बैठक में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती हिमाकत समेत द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत होगी। अधिकारियों ने बताया कि पॉंम्पिओ और एस्पर को सोमवार दोपहर को रायसीना हिल्स में साउथ ब्लॉक के लॉन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा।
दोनों अमेरिकी मंत्री जयशंकर और राजनाथ के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। साथ ही दोनों अमेरिकी मंत्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात करेंगे। पिछले कुछ महीने से अमेरिका कई विवादास्पद मुद्दों को लेकर चीन पर हमले कर रहा है जिसमें भारत के साथ सीमा विवाद, दक्षिण चीन सागर में इसकी सैन्य उग्रता और हांगकांग में सरकार विरोधी प्रदर्शनों से निपटने का तरीका शामिल है।
भारत और अमेरिका के बीच कुछ सालों से रक्षा संबंधों के साथ वैचारिक संबंधों में काफी तेजी आई है। दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्रों के बीच रक्षा सेक्टर के स्वास्थ्य सेक्टर में निवेश की बात हो सकती है।
बैठक से पहले अमेरिका का बयान : तीसरी 2+2 मंत्रीस्तरीय बैठक से पहले अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से एक फैक्ट शीट में कहा गया कि क्षेत्रीय और वैश्विक शक्ति के रूप में उभरते भारत का स्वागत करता है। उसने कहा कि भारत के 1 जनवरी 2021 से शुरू हो रहे यूएनएससी के कार्यकाल के दौरान अमेरिका उसके साथ काम करने को लेकर भी उत्सुक है। फैक्ट शीट में विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझा मूल्यों और स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत के लिए प्रतिबद्धता पर निर्मित मजबूत तथा बढ़ते द्विपक्षीय संबंध हैं। (एजेंसियां) (file photo)