नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने आधार एवं अन्य कानून (संशोधन) विधेयक 2019 में लाए गए आधिकारिक बदलावों को मंजूरी दे दी है। कानून के इस संशोधन के तहत एक नया प्रावधान शामिल किया गया है।
इस प्रवाधान के बाद अब आधार के आंकड़ों उपयोग राज्य योजनाओं और सब्सिडी के लिए किया जा सकेगा। आधार कानून में संशोधन के बाद राज्य की ओर से चलाई जाने वाली योजनाओं के लिए राज्य सरकारें राष्ट्रीय बायोमीट्रिक पहचान का प्रयोग कर सकेंगी।
संसद में इससे पहले इसी महीने आधार एवं अन्य कानून में संशोधनों को मंजूरी दी गई थी। यह संशोधन मोबाइल फोन का सिम कार्ड लेने या बैंक खाता खोलने के लिए 12 अंकों की इस विशिष्ट पहचान संख्या का इस्तेमाल स्वैच्छिक रूप से करने की अनुमति दिए जाने से संबंधित था।
केंद्र सरकार ने अब इसमें एक नया प्रावधान जोड़ने के लिए संशोधन का प्रस्ताव किया है। इसमें राज्यों को अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए आधार के प्रयोग की अनुमति दिए जाने का प्रावधान है।
आधार एवं अन्य कानून (संशोधन) विधेयक, 2019 में एक नई धारा 5ए को जोड़ा गया है। इसमें कहा गया है कि प्रमुख कानून की धारा 7 में भारत के समेकित कोष के साथ ही 'राज्य का समेकित कोष’ शब्द जोड़ा गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि ‘राज्य इसकी मांग कर रहे थे। उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार ऐसे मामलों में आधार के इस्तेमाल की अनुमति है, जहां फंड सीधे केंद्र सरकार से आता है।
केंद्रीय योजनाओं के लिए जिस तरीके से केंद्रीय फंड से सब्सिडी लाभार्थी को स्थानांतरित की जाती है, उसी तरह आधार के इस्तेमाल से राज्य सब्सिडी को भी ट्रांसफर किया जा सकेगा।