नई दिल्ली। देहरादून। पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड में चल रही सियासी उठापटक के बाद अन्तत: मंगलवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह का करीबी होने के बावजूद वे अपनी कुर्सी नहीं बचा पाए।
रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात कर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपा। इससे पहले रावत को दिल्ली भी बुलाया गया था, जहां उन्होंने शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की थी। इसके बाद ही उनके इस्तीफे की अटकलें शुरू हो गई थी। रावत करीब 4 वर्ष तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 2022 में राज्य में विधानसभा चुनाव भी होने हैं।
इस्तीफे के बाद रावत ने कहा कि एक छोटे से कार्यकर्ता को 4 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में सेवा करने का मौका दिया। मेरे लिए राज्य का मुख्यमंत्री बनना सौभाग्य की बात है। मैं पार्टी नेतृत्व के साथ प्रदेशवासियों का भी आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि मेरे लिए यह बड़ी बात है कि छोटे से गांव से निकलकर मैं राज्य का मुख्यमंत्री बना।
रावत ने कहा कि कभी मैंने कल्पना भी नहीं की थी कि मुझे इतना बड़ा पद मिलेगा। अपने कार्यकाल की योजनाओं का उल्लेख करते हुए राज्य के बनने वाले नए मुख्यमंत्री को शुभकामनाएं दीं। नए मुख्यमंत्री के नाम के बारे पूछे जाने पर रावत ने कहा कि यह पार्टी सामूहिक रूप से लेगी।
फिलहाल मुख्यमंत्री पद के लिए धन सिंह रावत का नाम सबसे आगे चल रहा है। इसके अलावा अजय भट्ट और अनिल वलूनी के नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में हैं। इसी बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में आ गए हैं।