Dharma Sangrah

Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

फिल्मों में हिंसा, अश्लीलता का बच्चों पर असर : वैंकया

Advertiesment
हमें फॉलो करें Venkaiah On Censorship हिंसा और अश्लीलता भारतीय सिनेमा ‘चुनिंदा वर्ग का हिस्सा’ एम. वैंकया नायडू
, सोमवार, 18 जुलाई 2016 (09:11 IST)
चेन्नई। हिंसा और अश्लीलता का भारतीय सिनेमा के ‘चुनिंदा वर्ग का हिस्सा’ बनने पर चिंता जताते हुए केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम. वैंकया नायडू ने रविवार को फिल्म निर्माताओं से ऐसी पटकथाओं पर काम करने को कहा जो शांति और विकास से जुड़ी हों।
साउथ इंडियन फिल्म चेंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा यहां आयोजित ‘मंत्री से मिलिए’ कार्यक्रम में वैकया ने कहा कि पुराने जमाने की फिल्मों में जहां संगीत, गीत और साहित्य शानदार एवं सुंदर होता था लेकिन इनके 'धीरे धीरे स्तर गिरता जा रहा है'।
 
उन्होंने श्रोताओं से कहा, 'जो धीरे धीरे हो रहा है, कुछ मामलों में हिंसा, अश्लीलता, अभद्रता और अभद्र द्विअर्थी संवाद..वे अब सिनेमा के चुनिंदा वर्गों का हिस्सा बन रहे हैं, जो अच्छी बात नहीं है। सब को सेंसर नहीं किया जा सकता, आपके पास खुद सेंसर लगाने का माद्दा होना चाहिए क्योंकि आप ऐसे दृश्य दिखाकर समाज के साथ अन्याय कर रहे हैं और बच्चों को बरबाद कर रहे हैं।' 

श्रोताओं में चार भाषाओं तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ के कुछ शीर्ष निर्माता भी थे। मंत्री ने कहा कि फिल्म और मीडिया का संदेश ऐसा हो जो विकासोन्मुख , शांति एवं सौहार्द वाला हो। बिना स्पष्ट उल्लेख के उन्होंने अभिव्यक्ति की आजादी पर कहा कि इसमें ‘तर्कसंगत नियंत्रण’ जरूरी है क्योंकि आप अन्य के खिलाफ नफरत नहीं फैला सकते। आप ईश्वर का अनादर और लोगों की आस्था का अपमान नहीं कर सकते। इसलिए कुछ नियंत्रण जरूरी है और इसलिए फिल्म प्रमाणन की जरूरत होती है। (भाषा) 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

दो बच्चे की एक नीति बने : तोगड़िया