नई दिल्ली। भारत के पास फरार शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी का बेहद मजबूत मामला है। एक वरिष्ठ सरकारी सूत्र ने यह जानकारी दी।
इससे पहले खबरों में कहा जा रहा था कि माल्या के वकीलों ने ब्रिटेन की एक अदालत को बताया है कि भारत के पास उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं।
सरकार के एक सूत्र ने कहा कि तथ्य यह है कि ब्रिटेन के धोखाधड़ी अधिनियम 2006 के संदर्भ में माल्या के खिलाफ प्रथम दृष्टया एक बेहद मजबूत मामला है। उन्होंने कहा कि लंदन से आ रही खबरों के अनुसार, माल्या के वकीलों ने ब्रिटेन की एक अदालत को बताया है कि भारत के पास उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं।
शराब कारोबारी, 61 वर्षीय माल्या भारत में वांछित है और उस पर करीब नौ हजार करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी और धनशोधन के आरोप लगे हैं। माल्या के प्रत्यर्पण मामले में कल वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में सुनवाई हुई थी।
सूत्र ने वेस्टमिन्स्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में हुई कार्रवाई का हवाला देते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय और अन्य अदालतों में माल्या के आचरण से साफ है कि भारत के उच्चतम न्यायालय में उसे उसके खिलाफ चल रही अवमानना कार्रवाई में उसके बेईमानी भरे इरादों के बारे में जवाब देना होगा। माल्या को स्कॉटलैंडयार्ड ने प्रत्यर्पण वारंट पर इस साल अप्रैल में गिरफ्तार किया था। वह 650,000 पाउंड के मुचलके पर जमानत पर है। (भाषा)