Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

'वायब्रेंट गुजरात सम्मेलन' में पहली बार हिस्‍सा लेगा अमेरिका

हमें फॉलो करें 'वायब्रेंट गुजरात सम्मेलन' में पहली बार हिस्‍सा लेगा अमेरिका
, बुधवार, 7 जनवरी 2015 (16:51 IST)
-शोभना जैन 
 
नई दिल्ली। अमेरिका के साथ विभिन्न मुद्दों पर सहमति और असहमति के रिश्तों के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी इसी 10 जनवरी को अहमदाबाद पहुंच रहे हैं, जहां वे 11 जनवरी से गुजरात में होने वाले 'वायब्रेंट गुजरात सम्मेलन' में हिस्सा लेंगे।
यह पहली बार है जबकि अमेरिका इस सम्मेलन में सहयोगी देश के रूप में हिस्सा ले रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। केरी के साथ अमेरिका के उद्योग तथा व्यापार जगत के शीर्ष प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी होगा। इसमें शामिल प्रतिनिधि भारत तथा भारत-प्रशांत क्षेत्रों के आर्थिक विकास में अमेरिकी प्रौद्योगिकी की भूमिका दर्शाएंगे, साथ ही दोनों देशों के बीच व्यापार तथा निवेश बढ़ाने पर भी इस दौरान चर्चा होगी। 
 
दोनों देशों के बीच वर्तमान व्यापार 100 अरब डॉलर है जिसे दोनों देशों ने बढ़ाकर 500 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा है लेकिन इसे पूरा करने के लिए समयसीमा निर्धारित नहीं की है।
 
गौरतलब है कि वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के बाद अमेरिका ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जो उस वक्त गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उन्हें अमेरिका जाने के लिए वीजा पर रोक लगा दी थी, लेकिन गत मई में हुए आम चुनाव के बाद केंद्र में मोदी सरकार के सत्तारूढ़ होने पर रिश्तों को सामान्य बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। 
 
गत सितंबर में मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान रिश्तों में गर्माहट आई। दोनों देशों ने रिश्तों को बढ़ाने के लिए 'चलें साथ-साथ' का विजन दस्तावेज भी जारी किया। उसी कड़ी में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर इस 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। 
 
लेकिन इसी सप्ताह पाकिस्तान को आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी द्वारा बाकायदा सर्टिफिकेट दिए जाने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि भारत इस मत से कतई सहमत नहीं है कि पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क और अलकायदा जैसे आतंकी गुटों के अड्डों को तबाह करने और उनकी मदद रोकने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है। 
 
इस 'क्लीन चिट' से पाकिस्तान को अमेरिका से और आर्थिक मदद मिलने का रास्ता साफ हो गया है और पाकिस्तान केरी-लुगार बिल के तहत अमेरिका से 53 करोड़ 20 लाख डॉलर सहायता पैकेज पाने का पात्र हो गया है।
 
दोनों देशों के बीच वर्तमान व्यापार 100 अरब डॉलर है जिसे दोनों देशों ने बढ़ाकर 500 अरब डॉलर का लक्ष्य रखा है लेकिन इसे पूरा करने के लिए समयसीमा निर्धारित नहीं की है। (वीएनआई)
 
फोटो : मितेश मोदी 


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi