वेंकैया नायडू होंगे भारत के अगले उपराष्ट्रपति
नई दिल्ली , शनिवार, 5 अगस्त 2017 (19:10 IST)
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के उम्मीदवार एम वेंकैया नायडू शनिवार को देश के तेरहवें उपराष्ट्रपति चुने गए। वे इस पद पहुंचने वाले भारतीय जनता पार्टी के दूसरे नेता हैं। इससे पहले उपराष्ट्रपति पद पर पहुंचने वाले भैरों सिंह शेखावत भाजपा के एकमात्र नेता थे।
नायडू ने 18 विपक्षी दलों के उम्मीदवार गोपालकृष्ण गांधी को भारी मतों के अंतर से हराया। उन्हें 516 मत मिले जबकि गांधी के पक्ष में 244 मत पड़े। नायडू की इस जीत से पहली बार देश के शीर्ष चार संवैधानिक पदों (राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष) पर भाजपा की विचारधारा के नेता पहुंच गए हैं। इससे पहले उपराष्ट्रपति पद पर पहुंचने वाले भैरों सिंह शेखावत भाजपा के एकमात्र नेता थे।
संसद भवन में बनाए गए मतदान केन्द्र में आज लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों ने मतदान किया और शाम को निर्वाचन अधिकारी एवं राज्यसभा के महासचिव शमशेर के शरीफ ने मतगणना के बाद नायडू को उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित घोषित किया।
उन्होंने बताया कि उपराष्ट्रपति चुनाव में 785 मतदाताओं में से 771 ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, जिनमें से 760 मत वैध पाए गए। विभिन्न दलों के 14 सांसदों ने मतदान नहीं किया। नायडू 11 अगस्त को उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। निवर्तमान उपराष्ट्रपति मोहम्मद हामिद अंसारी का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। वे लगातार दो कार्यकाल तक इस पद पर रहे हैं।
राजग द्वारा उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने से पहले नायडू सूचना एवं प्रसारण तथा शहरी विकास मंत्री थे। वे छात्र जीवन से ही राजनीति में आ गए थे और लगातार भारतीय जनता पार्टी से जुड़े रहे तथा उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बने।
अब तक उप राष्ट्रपति पद पर आसीन रही हस्तियों की सूची इस प्रकार है। इनमें से डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन और मोहम्मद हामिद अंसारी दो-दो बार उपराष्ट्रपति पद पर रहे-
राजनीतिक सक्रियता और कुशल वक्तृत्व कला की बदौलत नायडू 1978 और 1983 में नेल्लोर जिले के उदयगिरि विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए और कुछ ही समय में आंध्रप्रदेश में भाजपा का चेहरा बन गए। वह 1996 से 2000 तक भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता रहे । जना कृष्णमूर्ति के बाद वे 2002 में भाजपा के अध्यक्ष बने। 28 जनवरी 2004 को वे फिर इस पद के लिए निर्विरोध चुने गए, लेकिन उसी वर्ष लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत राजग की हार के बाद उन्होंने 18 अक्टूबर 2004 को इस पद से इस्तीफा दे दिया था।
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