नई दिल्ली। वियतनाम को भारत का एक महत्वपूर्ण साझेदार बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में योगदान दे सकता है। वियतनाम के प्रधानमंत्री गुएन जुआन फुक के साथ एक डिजिटल शिखर सम्मेलन में मोदी ने कहा कि भारत वियतनाम के साथ अपने संबंधों को दीर्घकालिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से देखता है।
मोदी ने कहा कि वियतनाम भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी का दायरा काफी विस्तृत है। हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि हमारा साझा उद्देश्य है। हमारा सहयोग क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में योगदान दे सकता है। उन्होंने कोरोनावायरस महामारी से निपटने के लिए वियतनाम की भी सराहना की।
भारत और वियतनाम ने 2016 में अपने द्विपक्षीय संबंधों को समग्र रणनीतिक साझेदारी तक विस्तारित किया और रक्षा सहयोग तेजी से बढ़ते इन द्विपक्षीय संबंधों में सबसे महत्वपूर्ण स्तभों में से एक रहा। दोनों ही देशों का हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में काफी कुछ दांव पर है और उनका लक्ष्य इस क्षेत्र के लिए अपने-अपने दृष्टिकोण के आधार पर वहां सहयोग बढ़ाने की संभावनाएं तलाशने का है।
पिछले साल बैंकॉक में पूर्व एशिया सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्री क्षेत्र के संरक्षण और सतत इस्तेमाल तथा सुरक्षित समुद्री क्षेत्र के निर्माण के वास्ते सार्थक प्रयास करने के लिए हिन्द-प्रशांत महासागर पहल की स्थापना का प्रस्ताव दिया था। 10 सदस्यीय आसियान ने 'आसियान आउटलुक ऑन इंडो पैसफिक' (एओआईपी) नामक दस्तावेज में इस क्षेत्र के वास्ते अपना दृष्टिकोण सामने रखा है। (भाषा)