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अपनी ही भतीजी से शादी कर विवादों में आए थे मशहूर डायरेक्‍टर विजय आनंद

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, शुक्रवार, 22 जनवरी 2021 (14:10 IST)
बॉलीवुड एक्टर, स्क्रीन राइटर, एडिटर, प्रोड्यूसर एवं डायरेक्टर विजय आनंद जन्म 22 जनवरी, 1934 को पंजाब के गुरदासपुर में हुआ था। उन्‍हें गोल्डी आनंद के नाम से भी पुकारा जाता था।

उन्‍होंने अपने तीन भाई डायरेक्टर-प्रोड्यूसर चेतन आनंद और अभिनेता-निर्देशक देव आनंद के साथ मिलकर ‘नवकेतन फिल्म्स’ शुरू की थी। यह एक ऐसा प्रोडक्शन हाउस था, जो अपनी फिल्मों की बेहतरीन कहानियों और यादगार संगीत के लिए जाना जाता है।

विजय आनंद ने 1960-1970 के बीच हिंदी सिनेमा को ‘गाइड’, ‘जॉनी मेरा नाम’, ‘ज्वेल थीफ’, ‘तीसरी मंज़िल’, ‘काला बाज़ार’ और ‘तेरे मेरे सपने’ जैसी कई ब्लॉकबस्टर फिल्में दीं।

साल 1957 में उन्‍होंने पहली फिल्म ‘नौ दो ग्यारह’ बनाई थी। इससे पहले वे मुंबई के सेंट ज़ेवियर कॉलेज में नाटकों के लिए लेखन किया करते थे।

एक इंटरव्यू में विजय आनंद ने कहा था, ‘मैं अपनी मास्टर्स की पढ़ाई कर रहा था और सोचा कि मैं ‘नो दो ग्यारह’ बनाऊंगा और अंग्रेजी साहित्य का अध्ययन करने जाऊंगा। दुर्भाग्य से मैं अध्ययन करने के लिए वापस नहीं जा सका।’ विजय की फिल्मों में सभी गाने शानदार साउंडट्रैक और खूबसूरती से कोरियोग्राफ किए गए थे। फिल्म ‘तीसरी मंज़िल’ में शम्मी कपूर, ‘ज्वेल थीफ़’ में वैजयंतीमाला या फ़िर ‘गाइड’ में वहीदा रहमान को देख लीजिए, इन फिल्मों में सभी के किरदार और गाने बहुत ही शानदार थे।

विजय, चेतन और ​देव आनंद तीनों भाइयों ने पहली बार एक साथ काम फिल्म ‘काला बाज़ार’ में किया था। विजय आनंद ने काला बाज़ार को लिखा और निर्देशित किया था। जबकि देव आनंद ने इसमें अभिनय किया और चेतन आनंद ने भी अहम भूमिका निभाई। उनकी यह फिल्म टिकटों के लिए ब्लैक मार्केट के बारे में थीं।

विजय ने अपनी ही एक बहुत छोटी भतीजी से शादी की थी, जिसकी वजह से वे विवादों में भी रहे। वे आचार्य रजनीश उर्फ़ ओशो के फॉलोअर्स थे। 23 फ़रवरी, 2004 को 70 वर्ष की उम्र में विजय आनंद का मुंबई में निधन हो गया था।

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