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ब्रिटेन को भारत की दो-टूक, भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को जल्द सौंपे

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नई दिल्ली , शुक्रवार, 5 मई 2017 (08:16 IST)
भारत ने ब्रिटेन से कहा कि वह भगोड़े कारोबारी विजय माल्या का जल्दी प्रत्यर्पण सुनिश्चित करे। ब्रिटेन में रह रहे माल्या पर कई बैंकों से लिए गए 9 हजार करोड़ रुपए के कर्ज की अदायगी नहीं करने का आरोप है। वह 2 मार्च 2016 को भारत से भागकर ब्रिटेन में रह रहा है। केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि ने गुरुवार को ब्रिटेन के गृह विभाग में सचिव पेट्सी विल्किंसन से मुलाकात के दौरान माल्या समेत प्रत्यर्पण मामलों में पूरी सहायता का आश्वासन दिया ताकि क्राउन प्रोसेक्यूशन सर्विसेज (सीपीएस) को वहां की अदालतों के समक्ष पुख्ता मामला पेश करने की अनुमति मिले।
 
यह मुद्दा महर्षि ने ब्रिटेन के समकक्ष पेट्सी विल्किंसन के साथ बातचीत के दौरान उठाया। बैठक के बाद गृह मंत्रालय में सलाहकार अशोक प्रसाद ने बताया 'हमने प्रत्यर्पण आवेदनों की प्रक्रिया को पूरा करने की राह में आ रही बाधाओं को दूर करने पर विचार विमर्श किया। साथ ही प्रत्यर्पण प्रक्रिया को बेहतर बनाने पर भी चर्चा हुयी।' यद्यपि प्रसाद ने कहा कि बैठक में किसी मामला विशेष पर चर्चा नहीं हुई लेकिन आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय पक्ष ने माल्या के मामले का संकेत दिया। प्रसाद ने सिर्फ इतना कहा कि प्रत्यर्पण का मामला विचाराधीन है।
 
उन्होंने कहा कि प्रत्यर्पण के सभी विशेष मामलों पर दोनों देशों की संबद्ध एजेंसियों के बीच विस्तार से चर्चा की जाएगी। प्रसाद ने कहा, 'हमने ब्रिटेन में रह रहे खालिस्तानी आतंकवादियों के मुद्दे पर चर्चा की और उन्होंने इसपर गौर करने का वादा किया है।' प्रत्यर्पण प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिए उन्होंने सुझाव दिया कि अगर भारतीय अभियोजन एजेंसी और ब्रिटिश अभियोजन विभाग क्राउन प्रोसीक्यूशन के बीच एकपक्षीय संवाद हो तो अदालती कार्रवाई को आसान बनाते हुए इसे जल्द पूरा किया जा सकता है।
 
इसके अलावा बैठक में माल्या के प्रत्यर्पण को लेकर ब्रिटेन के प्रयासों की सराहना करते हुए राजीव महर्षि ने ब्रिटिश अदालत में चल रही प्रत्यर्पण की सुनवाई में भारत सरकार की ओर से हरसंभव सहयोग करने का भरोसा दिलाया। प्रत्यर्पण प्रक्रिया को जल्द पूरा करने के लिये उन्होंने सुझाव दिया कि अगर भारतीय अभियोजन एजेंसी और ब्रिटिश अभियोजन विभाग 'क्राउन प्रोसीक्यूशन' के बीच एकपक्षीय संवाद हो तो अदालती कार्रवाई को आसान बनाते हुए इसे जल्द पूरा किया जा सकता है।
 
भारत और ब्रिटेन ने 1992 में प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए थे। लेकिन अब तक सिर्फ एक प्रत्यर्पण हो सका है। इसके तहत साल 2002 में हुए गोधरा कांड के बाद भड़के गुजरात दंगों में आरोपी समीरभाई विनुभाई पटेल का पिछले साल अक्टूबर में प्रत्यर्पण हुआ था। सूत्रों के मुताबिक महर्षि ने भारतीय अदालतों में ब्रिटेन के वांछित अपराधियों के खिलाफ चल रही सुनवाई से जुड़ी सूचनायें ब्रिटेन को उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाते हुए ब्रिटेन से भी वहां रह रहे भारतीय वांछित अपराधियों के लंबित मामलों की सुनवाई को लेकर सूचनायें साझा करने की उम्मीद जताई। 
 
वहीं भारत ने ब्रिटेन में वांछित एक बांगलादेशी नागरिक के खिलाफ असम में दर्ज किए गए मामले को वापस लेने का प्रस्ताव भी रखा जिससे उसका ब्रिटेन प्रत्यर्पण किया जा सके। इसके एवज में भारत ने भी अपने वांछित अपराधियों के खिलाफ ब्रिटिश अदालतों में चल रहे मुकदमों को वापस लेने की अपेक्षा जाहिर की जिससे इनका भी यथाशीघ्र भारत प्रत्यर्पण किया जा सके। इस बीच दोनों पक्षों ने आगामी जुलाई में सुरक्षा सहयोग पर एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने की सहमति जताई।
 
उल्लेखनीय है कि सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों की एक टीम लंदन पहुंची है जो कि संकट में फंसे उद्योगपति विजय माल्या के प्रत्यर्पण के बारे में स्थानीय अधिकारियों से विचार विमर्श करेगी। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि सीबीआई के अतिरिक्त निदेशक राकेश अस्थाना की अगुवाई में यह चार सदस्यीय टीम ब्रिटेन के अधिकारियों को माल्या के खिलाफ रिण भुगतान में असफल रहने के मामलों की बारीकी से जानकारी देगी।

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