नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने भगोड़े कारोबारी विजय माल्या को शुक्रवार को तगड़ा झटका देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उसे 'आर्थिक भगोड़ा अपराधी' घोषित करने वाली कार्रवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एसके कौल की पीठ ने कार्रवाई पर रोक लगाने से इंकार करने के साथ ही ईडी को नोटिस जारी कर माल्या की याचिका पर जवाब मांगा है।
माल्या बैंकों से 9,000 करोड़ रुपए का ऋण लेकर फरार हो गया है। फिलहाल माल्या लंदन में है। माल्या ने अपने अपने वकील के माध्यम से शीर्ष न्यायालय में याचिका दायर की थी और ईडी की कार्रवाई पर रोक लगाने का आग्रह किया था। ईडी माल्या के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच कर रहा है। वह मार्च 2016 में लंदन भाग गया था।
अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल के प्रत्यर्पण के बाद माल्या ने ट्वीट कर बैंकों के कर्ज का मूलधन लौटाने की पेशकश की थी। माल्या के प्रत्यर्पण पर 10 दिसंबर को ब्रिटेन की अदालत से फैसला सुनाए जाने की उम्मीद है।
ईडी ने माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया हुआ है। जांच एजेंसी ने माल्या की संपत्तियां जब्त करने की कार्रवाई शुरू की है। इसी कार्रवाई के खिलाफ माल्या ने याचिका दायर की थी। बॉम्बे उच्च न्यायालय भी इस संबंध में माल्या की याचिका खारिज कर चुका है। इसके खिलाफ उसने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उस पर मुंबई की विशेष अदालत में मामला चल रहा है।