नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को फेरा उल्लंघन मामले में समन की बार-बार अनदेखी करने पर मुश्किलों में घिरे कारोबारी विजय माल्या को भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया है।
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत ने यह आदेश जारी किया। बार-बार समन के बावजूद माल्या के पेश होने में विफल रहने पर न्यायाधीश ने यह आदेश दिया।
अदालत ने कहा, विजय माल्या इस अदालत के समक्ष 30 दिनों के अंदर पेश नहीं हुए और उनकी तरफ से कोई आवेदन भी नहीं दिया गया, ऐसे में उन्हें भगोड़ा घोषित किया जाता है। अदालत ने पिछले साल 12 अप्रैल को शराब कारोबारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था जिस पर अमल के लिए कोई तारीख तय नहीं की गई थी।
माल्या के खिलाफ चार नवंबर 2016 को गैर जमानती वारंट जारी करते हुए अदालत ने कहा था कि उसकी लौटने की कोई मंशा नहीं है और देश के कानून के प्रति लेश मात्र भी सम्मान नहीं है। अदालत ने कहा था कि माल्या के खिलाफ प्रतिरोधी प्रक्रियाएं अपनाई जानी चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ कई मामले चल रहे हैं और वह उन मामलों में पेशी से बच रहे हैं।
माल्या ने याचिका देकर कहा था कि वह भारत लौटना चाहता है लेकिन भारतीय अधिकारियों द्वारा उसका पासपोर्ट रद्द कर दिए जाने की वजह से यात्रा करने में अक्षम है। अदालत ने इस पर कहा उनकी यह दलील दुर्भावनापूर्ण और कानून की प्रक्रिया का अपमान है। (भाषा)