राम टाट में, बाकी सब ठाठ में, नहीं चलेगा : विनय कटियार
फिर गरमाई राम मंदिर की राजनीति
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के चुनावों की तेज़ी से बढ़ती आहट के साथ ही राम-प्रेम और राष्ट्र-प्रेम दोनों के ही नारे बुलंद होने लगे हैं। राम मंदिर संग्रहालय ने राम मंदिर निर्माण की राजनीति को भी गर्मा दिया है। बयानों की बाढ़ के बीच भाजपा के राज्यसभा सांसद विनय कटियार ने राम के नाम पर थीम पार्क को सपा की लॉलीपॉप बताते हुए कहा है कि राम टाट में और बाकी सब ठाठ में ऐसा नहीं चलेगा।
केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा के उत्तर प्रदेश दौरे के बाद चुनाव और मंदिर दोनों की ही सरगर्मी तेज़ हो गई है। भाजपा, सपा, कांग्रेस, बसपा सभी अपने-अपने बयान दे रहे हैं। भाजपा की भीतर ही उमा भारती, साक्षी महाराज, सुब्रमण्यम स्वामी सब बयान दे रहे हैं। आधिकारिक तौर पर तो भाजपा ये ही कह रही है कि मंदिर निर्माण तो कोर्ट के फैसले के अनुसार ही होगा। पर बड़ा सवाल ये है कि उत्तर प्रदेश चुनाव में वोटों को ध्रुवीकरण फिर कैसे हो पाएगा?
एक और सवाल भाजपा के भीतर ही अंदरूनी राजनीति का भी है। उत्तर प्रदेश में कोई चेहरा तय नहीं है। अमित शाह ख़ुद ही कमान संभाले हुए हैं। ऐसे में राम संग्रहालय के लिए ज़मीन तलाशने आए केन्द्रीय मंत्री महेश शर्मा के कार्यक्रम में विनय कटियार का मौजूद ना होना भी कई सवाल खड़े कर रहा है।
विनय कटियार हिन्दू आंदोलन का बड़ा चेहरा रहे हैं। यही उनकी बड़ी पहचान भी है। ऐसे में राम मंदिर पर उनके बयान मुद्दे से और मुख्यधारा से ख़ुद को जोड़े रखने की कवायद भी मानी जा सकती है।
एक टीवी चैनल को दिए अपने इसी साक्षात्कार में विनय कटियार ने ये भी कहा कि इसी सरकार के रहते अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होकर रहेगा। जाहिर है एक तरफ कोर्ट के फैसले की बात करने वाली भाजपा इस तरह के बयानों से उसी वोट बैंक पर निशाना साध रही है जो मंदिर निर्माण की माँग की शुरुआत से ही उनके ज़ेहन में रहा है। हालाँकि उसके बाद से गंगा में काफी पानी बह चुका है। इसीलिए राम टाट में, बाकी ठाठ में-नहीं चलेगा का नारा कितना कारगर होगा ये देखना दिलचस्प होगा।