Vinesh Phogat also returned awards: बृजभूषण और पहलवानों के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। बजरंग पूनिया के बाद अब विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश फोगाट ने बृजभूषण शरण सिंह के विश्वासपात्र संजय सिंह के भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का अध्यक्ष चुने जाने के विरोध में मंगलवार को अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार सरकार को लौटा दिए। इस पहलवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र में यह जानकारी दी है।
विनेश से पहले ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और डेफलंपिक्स के चैंपियन वीरेंदर सिंह यादव ने अपने पद्मश्री पुरस्कार लौटा दिए थे। विनेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किए गए पत्र में घोषणा की कि मैं अपने मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटा रही हूं।
गुरुवार को संजय सिंह को डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया था। बृजभूषण के करीबी संजय के गुट ने इन चुनाव में 15 में से 13 पद जीते थे। पहलवानों ने इससे पहले मांग की थी कि बृजभूषण का कोई भी करीबी डब्ल्यूएफआई प्रशासन में नहीं होना चाहिए।
क्या लिखा फोगाट ने पत्र में : फोगाट ने पीएम को लिखे अपने पत्र में लिखा- मुझे साल यादव है 2016, जब साक्षी मलिक ओलंपिक में पदक जीतकर आई थी तो आपकी सरकार ने उन्हें 'बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ' की ब्रांड एम्बेसडर बनाया था। उस समय सारी महिला खिलाड़ी खुश थीं और एक दूसरे को बधाई भेज रही थीं। आज जब साक्षी को कुश्ती छोड़नी पड़ी तो मुझे 2016 याद आ रहा है। क्या हम महिला खिलाड़ी सरकार के विज्ञापनों में छपने के लिए बनी हैं? पत्र में बबीता ने कई और बातों का उल्लेख किया है।