Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

लोकप्रिय कवि विनोद कुमार शुक्ल को PEN/नाबोकोव पुरस्कार देने की घोषणा, 2 मार्च को न्‍यूयॉर्क में होगा सम्‍मान

हमें फॉलो करें Vinod Kumar Shukla
, बुधवार, 1 मार्च 2023 (16:08 IST)
कवि, कथाकार, निबंधकार और उपन्‍यासकार लोकप्रिय साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को पेन अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय साहित्य में ख्याति के लिए 2023 का नाबोकॉव अवॉर्ड (PEN/Nabokov Award) देने की घोषणा की है। आपको बता दें कि PEN अमेरिका एक गैर-लाभकारी संस्था है, जो साहित्य और मानवाधिकारों में किए काम को मान्यता देती है। 2 मार्च गुरुवार को अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में विनोद कुमार शुक्ल को ये पुरस्कार दिया जाएगा।
DD
अंतर्राष्ट्रीय साहित्य में उपलब्धि के लिए PEN/नाबोकोव पुरस्कार प्रतिवर्ष एक जीवित लेखक को दिया जाता है। जिसका काम स्थाई मौलिकता और उत्कृष्ट शिल्प कौशल वाला हो। इस पुरस्कार के लिए विनोद कुमार शुक्ल का चयन करने वाले सदस्यों के पैनल में अमित चौधरी, रोया हाकाकियान और माज़ा मेंगिस्टे शामिल हैं।

अब तक इन्‍हें मिल चुका है ये सम्‍मान
इस सम्‍मान की बात करें तो पिछले विजेताओं में न्गुगी वा थिओन्गो, ऐनी कार्सन, एम. नोरबे से फिलिप, सैंड्रा सिस्नेरोस, एडना ओ'ब्रायन और एडोनिस को इस सम्‍मान से सम्‍मानित किया जा चुका है।

विनोदकुमार शुक्‍ल के बारे में 
विनोद कुमार शुक्ल को हिंदी भाषा के सबसे महान समकालीन लेखकों में से एक माना जाता है। वे 87 बरस के हैं और फिलहाल छत्तीसगढ़ के रायपुर में रहते हैं। इतने बड़े लेखक होने के बावजूद वे सभी तरह की साहित्यिक गतिविधियों से दूर रहते हैं। हाल ही में प्रकाशकों द्वारा रॉयल्‍टी नहीं देने के मुद्दे को लेकर वे चर्चा में आए थे। उन्‍होंने कहा था कि सालों में 5-10 हजार रॉयल्‍टी के तौर मिल जाती है। बता दें कि शुक्‍ल बेहद गंभीर और संवेदनात्‍मक शैली के लिए जाने जाते हैं। उनकी कविताओं से लेकर नॉवेल तक खूब पढे और पसंद किए जाते हैं। ‘खिलेगा तो देखेंगे’, ‘दीवार में एक खिड़की रहती हैं’, ‘नौकर की कमीज़', 'पेड़ पर कमरा' आदि उनकी बेहद पसंद की जाने वाली रचनाओं में से हैं। उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार सहित कई अन्य सम्मान भी मिल चुके हैं। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

आंध्रप्रदेश सरकार हिन्दू धर्म की रक्षा के लिए कराएगी 3 हजार मंदिरों का निर्माण